कोविदः - सुभाषितम् #04
अकृत्यं नैव कर्तव्यं प्राणत्यागेऽपि संस्थिते ।
न च कृत्यं परित्याज्यमेष धर्मः सनातनः ॥
पदविभागः | पदविवरणम् | प्रतिपदार्थम् |
---|---|---|
अकृत्यम् = अकार्यम् |
अकृत्य / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- कृ [डुकृञ् करणे ; तनादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to do, to act, to make) पदविवरणम् :- कृ + क्यप् = कृत्य / त्रि (-त्यः-त्या-त्यं) (= should be done) समासविवरणम् :- [नञ्तत्पुरुषसमासः] न कृत्य = अकृत्य (= should not be done) |
should not be done |
एव | एव / अव्ययम् | certainly |
न कर्तव्यम् = न करणीयम् |
न कर्तव्यम् / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- कृ [डुकृञ् करणे ; तनादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to do, to act, to make) पदविवरणम् :- न / अव्ययम् (= not) कृ + तव्यत् = कर्तव्य / त्रि (-यः-या-यं) (= should be done) |
should not be done |
प्राणत्यागे संस्थिते = प्राणनाशे आगते सति |
प्राणत्याग / पुं / स.वि / ए.व संस्थित / पुं / स.वि / ए.व धातुविवरणम् :- अन् [अनँ प्राणने ; अदादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to breathe, to live, to inhale, to be able) त्यज् [त्यजँ हानौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to abandon, to leave, to quit, to let go, to renounce) स्था [ष्ठा गतिनिवृत्तौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; अनिट्] (to stay, to stand) पदविवरणम् :- प्र + अन् + घञ् = प्राण / पुं (= The five vital airs are प्राण, अपान, समान, व्यान, उदान ।) त्यज् + घञ् = त्याग / पुं (= sacrifice) सम् + स्था + क्त = संस्थित / त्रि (-तः-ता-तं) (= stood well) समासविवरणम् :- [षष्ठीतत्पुरुषसमासः] प्राणानां त्यागः = प्राणत्यागः (= sacrifice of the five vital airs of life) |
when it is time to sacrifice the five vital airs of life सति सप्तमी प्रयोगः । More info on सति सप्तमी प्रयोगः can be found in: |
अपि | अपि / अव्ययम् | also |
च | च / अव्ययम् | and |
कृत्यम् = सत्कार्यम् |
कृत्य / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- कृ [डुकृञ् करणे ; तनादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to do, to act, to make) पदविवरणम् :- कृ + क्यप् = कृत्य / त्रि (-त्यः-त्या-त्यं) (= should be done) |
should be done |
न परित्याज्यम् = न त्यक्तव्यम् |
न परित्याज्य / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- त्यज् [त्यजँ हानौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to abandon, to leave, to quit, to let go, to renounce) पदविवरणम् :- न / अव्ययम् (= not) परि + त्यज् + ण्यत् = परित्याज्य / त्रि (-ज्यः-ज्या-ज्यं) (= should be left or abandoned) |
should not be left or abandoned |
एषः | एतद् / पुं / प्र.वि / ए.व | this |
धर्मः | धर्म / पुं / प्र.वि / ए.व | virtue, righteousness |
सनातनः = शाश्वत, ध्रुव, नित्य, सदातन, निज, सना |
सनातन / पुं / प्र.वि / ए.व | eternal, everlasting, perpetual, permanent |
विशयः | विवरणम् |
---|---|
अन्वयः | प्राणत्यागे संस्थिते अपि अकृत्यं न एव कर्तव्यं च कृत्यं न परित्याज्यम् । एषः सनातनः धर्मः । |
तात्पर्यम् | TBD |
Purport | Even when it is time to sacrifice the five vital airs of life, that which should not be done, certainly should not be done; and that which should be done, should not be abandoned. This is eternal righteousness. |
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