शिक्षा - भाषाभ्यासः
॥ भाषाभ्यासः ॥
॥ पाठक्रमः ॥
(०१) प्रथमः | (०२) द्वितीयः | (०३) तृतीयः | (०४) चतुर्थः | (०५) पञ्चमः
(०६) षष्ठः | (०७) सप्तमः | (०८) अष्टमः | (०९) नवमः | (१০) दशमः
(०१) प्रथमः | (०२) द्वितीयः | (०३) तृतीयः | (०४) चतुर्थः | (०५) पञ्चमः
(०६) षष्ठः | (०७) सप्तमः | (०८) अष्टमः | (०९) नवमः | (१০) दशमः
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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4.01 | सन्मार्गे गच्छता भवता सर्वं साध्यते । |
सत् + मार्ग / पुं / स.वि / ए.व गम् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व भवत् / पुं / तृ.वि / ए.व सर्व / पुं / द्वि.वि / ए.व साध् + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ए.व |
நல்வழியில் செல்லும் உங்களால் எல்லாம் இயலும். Everything is possible, by you, who is treading the righteous path. |
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4.02 | धर्मं त्यजता त्वया किम् आर्जितम् ? |
धर्म / पुं / द्वि.वि / ए.व त्यज् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व युष्मद् / त्रि / तृ.वि / ए.व किम् / नपुं / प्र.वि / ए.व आङ् + अर्ज् + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
தர்மத்தை கைவிடுகின்ற உன்னால் என்ன லாபம் ? By you, who has given up dharma, what was earned? |
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4.03 | जातिपुष्पं जिघ्रता तेन आनन्दः अनुभूतः । |
जातिपुष्प / नपुं / द्वि.वि / ए.व घ्रा + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व तद् / पुं / तृ.वि / ए.व आनन्द / पुं / प्र.वि / ए.व अनु + भू + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
ஜாதிமல்லியை முகரும் அவனால் ஆனந்தம் அனுபவிக்கப்பட்டது. Happiness is experienced by him, who is smelling the jasmine. |
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4.04 | गर्जता व्याघ्रेण इतस्ततः परिभ्रान्तम् । |
गर्ज् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व व्याघ्र / पुं / तृ.वि / ए.व इतः / अव्ययम् ततः / अव्ययम् परि + भ्रम् + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
கர்ஜித்துக்கொண்டிருக்கும் புலியால் அங்கும் இங்கும் அலையப்பட்டது. Here and there was roamed by the roaring tiger. |
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4.05 | प्रतिदिनं भगवद्गीतां पठता छात्रेण श्लोकाः कण्ठस्थीकृताः । |
प्रति + दिन / नपुं / द्वि.वि / ए.व भगवद्गीता / स्त्री / द्वि.वि / ए.व पठ् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व छात्र / पुं / तृ.वि / ए.व श्लोक / पुं / प्र.वि / ब.व कण्ठस्थीकृत / पुं / प्र.वि / ब.व |
தினமும் பகவத்கீதையை படிக்கும் மாணவனால் ஸ்லோகங்கள் மனப்பாடம் பண்ணப்பட்டன. Verses were memorized by the student, who is reading the Bhagavad Gita everyday. |
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4.06 | गृहं रक्षता शुनकेन उच्चैः भषितम् । |
गृहम् / नपुं / द्वि.वि / ए.व रक्ष + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व शुनक / पुं / तृ.वि / ए.व उच्चैः / अव्ययम् भष् + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
வீட்டை காக்கின்ற நாயால் உரக்க குரைக்கப்பட்டது. The dog, protecting the house, barked loudly. |
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4.07 | उत्तरं लिखता छात्रेण विषयाः पुनः पुनः स्मृताः । |
उत्तर / नपुं / द्वि.वि / ए.व लिख् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व छात्र / पुं / तृ.वि / ए.व विषय / पुं / प्र.वि / ब.व {वि + षि + अच् = विषय / पुं} पुनः / अव्ययम् स्मृ + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
பதிலை எழுதும் மாணவனால் விஷயங்கள் திரும்ப திரும்ப நினைவுபடுத்தப்பட்டன. The topic was repeatedly recollected by the student, who was writing the answer. |
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4.08 | पतता शिशुना उच्चैः रुदितम् । |
पत् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व शिशु / पुं / तृ.वि / ए.व उच्चैः / अव्ययम् रुद् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
விழுகின்ற குழந்தையால் உரக்க அழப்பட்டது. The falling baby cried loudly. |
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4.09 | गानं शृण्वता तेन निद्रा कृता । |
गै + ल्युट् / नपुं / द्वि.वि / ए.व श्रु + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व तद् / पुं / तृ.वि / ए.व नि + द्रा + भावे अ / स्त्री / प्र.वि / ए.व कृ + क्त + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
பாடலைக் கேட்க்கின்ற அவனால் உறங்கப்பட்டது. Sleep was done by him, while listening to the song. |
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4.10 | द्वारे तिष्ठता सेवकेन अन्तः प्रवेशः निवारितः । |
द्वार / नपुं / स.वि / ए.व स्था + शतृँ / पुं / तृ.वि / ए.व सेवक / पुं / तृ.वि / ए.व अन्तः / अव्ययम् प्र + विश् + घञ् / पुं / प्र.वि / ए.व नि + वृ + णिच् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
வாசலில் நிற்க்கின்ற சேவகனால் உள்ளே செல்ல அனுமதி மறுக்கப்பட்டது. Entry inside was prohibited by the servant, who was standing at the door. |
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4.11 | क्रीडद्भिः बालैः महान् कोलाहलः कृतः । |
क्रीड् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व बाल / पुं / तृ.वि / ब.व महत् / पुं / प्र.वि / ए.व कोलाहल / पुं / प्र.वि / ए.व कृ + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
விளையாடுகின்ற பாலகர்களால் பெரிய கலாட்டா செய்யப்பட்டது. Big chaos was made by the boys playing. |
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4.12 | सुरां पिबद्भिः जनैः नियुद्धं कृतम् । |
सुरा / स्त्री / द्वि.वि / ए.व पा + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व जन् + अच् = जन / पुं / तृ.वि / ब.व नि + युद्ध / नपुं / प्र.वि / ए.व कृ + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
மது அருந்திக்கொண்டிருக்கும் மக்கள் சண்டை போட்டார்கள். Brawl was done by the people drinking liquor. |
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4.13 | वसन्ते कूजद्भिः कोकिलैः वनं व्यापृतम् । |
वसन्त / पुं / स.वि / ए.व कूज् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व कोकिल / पुं / तृ.वि / ब.व वन / नपुं / प्र.वि / ए.व वि + आङ् + पृ + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
வசந்தகாலத்தில் கூவுகின்ற குயில்களால் வனம் நிரம்பியது. During spring, fhe forest was filled, by the cooing cuckoos. |
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4.14 | निन्दद्भिः जनैः अन्यस्य दोषाः एव अवलोक्यन्ते । |
निन्द् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व जन् + अच् = जन / पुं / तृ.वि / ब.व अन्य / पुं / ष.वि / ए.व दोष / पुं / प्र.वि / ब.व एव / अव्ययम् अव + लोक् + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ब.व |
நிந்திக்கின்ற மக்களால் மற்றவர்களுடைய குற்றங்கள் மட்டுமே காணப்படுகின்றன. Other's mistakes alone are seen by the censuring people. |
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4.15 | चित्रं पश्यद्भिः जनैः चित्रस्य दोषाः चर्चिताः । |
चित्र / नपुं / द्वि.वि / ए.व दृश् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व जन् + अच् = जन / पुं / तृ.वि / ब.व चित्र / नपुं / ष.वि / ए.व दोष / पुं / प्र.वि / ब.व चर्च् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
படத்தைப் பார்க்கின்ற மக்களால் படத்தினுடைய குற்றங்கள் விவாதிக்கப்பட்டன. The people watching the picture, discussed the picture's mistakes. |
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4.16 | प्रश्नं पृच्छद्भिः छात्रैः उत्थितम् । |
प्रश्न / पुं / द्वि.वि / ए.व प्रच्छ् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व छात्र / पुं / तृ.वि / ब.व उत् + स्था + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
கேள்வி கேட்கின்ற மாணவனால் எழுந்துகொள்ளப்பட்டது. The students asking the question, stood. |
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4.17 | सः लिखद्भिः लेखकैः सह संभाषणं करोति । |
तद् / पुं / प्र.वि / ए.व लिख् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व लिख् + ण्वुल् = लेखक / पुं / तृ.वि / ब.व सह / अव्ययम् सम् + भाष् + ल्युट् / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
அவர் எழுதுகின்ற எழுத்தாளர்களுடன் பேசுகிறார். He spoke with the writer who was writing. |
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4.18 | जानद्भिः अपि जनैः नियमः न अनुपालितः । |
ज्ञा + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व अपि / अव्ययम् जन् + अच् = जन / पुं / तृ.वि / ब.व नि + यम् + घञ् / पुं / प्र.वि / ए.व न / अव्ययम् अनु + पाल् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
தெரிந்தும் கூட மக்களால் விதிமுறை பின்பற்றப்படவில்லை. Knowing well, the rule was not followed by the people. |
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4.19 | कार्यं कुर्वद्भिः मनुष्यैः सन्तोषः अनुभूयते । |
कृ + ण्यत् = कार्य / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व मनुष्य / पुं / तृ.वि / ब.व {मन् + उ [उणादि] = मनु + यत् = मनुष्य} सम् + तुष् + घञ् / पुं / प्र.वि / ए.व अनु + भू + भावे लँट् / प्र.पु / ए.व |
கடமையை செய்கின்ற மனிதர்களால் சந்தோஷம் அனுபவிக்கப்படுகிறது. Happiness is experienced, by the people who do their duty. |
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4.20 | नमद्भिः भक्तैः देवः स्तुतः । |
नम् + शतृँ / पुं / तृ.वि / ब.व भज् + क्त = भक्त / पुं / तृ.वि / ब.व देव / पुं / प्र.वि / ए.व स्तु + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
வணங்குகின்ற பக்தர்களால் கடவுள் துதிக்கப்பட்டார். God is worshipped by the saluting devotees. |
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4.21 | धावते बालकाय लेखनीं देहि । |
धाव् + शतृँ / पुं / च.वि / ए.व बालक / पुं / च.वि / ए.व लेखनी / स्त्री / द्वि.वि / ए.व दा + कर्तरि लोँट् / म.पु / ए.व |
ஓடுகின்ற பாலகனுக்கு பேனாவைக் கொடு. Give the pen to the running boy. |
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4.22 | पक्षपातं कुर्वते तस्मै एषा कुप्यति । |
पक्षपात / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / च.वि / ए.व तद् / पुं / च.वि / ए.व एतद् / स्त्री / प्र.वि / ए.व कुप् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
பாரபட்சம் செய்கின்ற அவரை இவள் கோபிக்கிறாள். She got angry at him, who is showing partiality. |
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4.23 | पठद्भ्यः छात्रेभ्यः अलसाः असूयन्ति । |
पठ् + शतृँ / पुं / च.वि / ब.व छात्र / पुं / च.वि / ब.व न लस = अलस / पुं / प्र.वि / ब.व {लस् + अच् = अलस / पुं} असूय + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व {असु (कण्ड्वादिः) + यक् = असूय} |
படிக்கின்ற மாணவர்களிடம் சோம்பேறிகள் பொறாமைக் கொண்டனர். The lazy people are jealous of the studying students. The original word here is असु । This word belongs to a special group of words called कण्ड्वादिः । The property of the words of कण्ड्वादि group is that these words get a प्रत्ययः called 'यक्' and then they get converted to धातुs. Therefore, we have असु + यक् => असूय । Now असूय is a धातु, so you can have forms like असूयति, and so on. Since this is a "generated धातु" (i.e. generated by you on adding यक् प्रत्ययः), you will not find it in any धातुपाठः । This is an आतिदेशिकधातुः । धातवः द्विविधाः ।
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4.24 | क्रीडद्भ्यः बालकेभ्यः पाठः न रोचते । |
क्रीड् + शतृँ / पुं / च.वि / ब.व बालक / पुं / च.वि / ब.व पठ् + भावे घञ् = पाठ / पुं / प्र.वि / ए.व न / अव्ययम् रुच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
விளையாடுகின்ற பாலகர்களுக்கு பாடம் படிக்க விரும்பவில்லை. The boys who are playing, do not like to study. |
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4.25 | वेगेन आगच्छतः यानात् मम भीतिः । |
विज् + घञ् / पुं / तृ.वि / ए.व आङ् + गम् + शतृँ / नपुं / प.वि / ए.व यान / नपुं / प.वि / ए.व अस्मद् / त्रि / ष.वि / ए.व भी + क्तिन् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
வேகமாக வருகின்ற வண்டியினால் எனக்கு பயம் ஏற்ப்பட்டது. [Neuter] I feared the vehicles coming fast. |
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4.26 | उद्गच्छतः कोपात् सः कम्पते । |
उत् + गम् + शतृँ / पुं / प.वि / ए.व कुप् + भावे घञ् / पुं / प.वि / ए.व तद् / पुं / प्र.वि / ए.व कम्प् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
எழுகின்ற கோபத்தால் அவர் நடுங்குகிறார். He trembles due to rising anger. |
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4.27 | अरण्ये सम्मुखम् आगच्छद्भ्यः व्याघ्रेभ्यः हरिणाः भीताः । |
अरण्य / नपुं / स.वि / ए.व सम् + मुख / पुं / द्वि.वि / ए.व आङ् + गम् + शतृँ / नपुं / प.वि / ब.व व्याघ्र / पुं / प.वि / ब.व हरिण / पुं / प्र.वि / ब.व भी + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
காட்டில் நேருக்குநேர் வருகின்ற புலிகளிடமிருந்து மான்கள் பயந்தன. In the forest, deer (pl.) were scared, while coming face to face with the tigers. |
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4.28 | रात्रौ रक्षणं कुर्वद्भ्यः यामिकेभ्यः चोराः बिभ्यति । |
रात्रि / स्त्री / स.वि / ए.व रक्ष + ल्युट् / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / नपुं / प.वि / ब.व यामिक / पुं / प.वि / ब.व चोर / पुं / प्र.वि / ब.व भी + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
இரவில் காவல் காக்கின்ற கூர்காக்களிடமிருந்து திருடர்கள் பயப்படுகின்றனர். In the night, thieves fear the guarding night-watchman. |
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4.29 | विकसतः पुष्पस्य सौन्दर्यम् अपूर्वम् । |
वि + कस् + शतृँ / नपुं / ष.वि / ए.व पुष्प / नपुं / ष.वि / ए.व सुन्दर + ष्यञ् / नपुं / प्र.वि / ए.व अपूर्व / नपुं / प्र.वि / ए.व |
மலர்கின்ற பூவினுடைய அழகு அதிசயம். [Neuter] Beauty of the blooming flower is extraordinary. |
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4.30 | युद्धं कुर्वतः रामस्य पराक्रमं देवाः श्लाघितवन्तः । |
युध् + क्त = युद्ध / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / ष.वि / ए.व रम् + घञ् = राम / पुं / ष.वि / ए.व देव / पुं / प्र.वि / ब.व श्लाघ् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व |
யுத்தம் புரிகின்ற ராமனுடைய பராக்கிரமத்தை தேவர்கள் புகழ்ந்தனர். Devas praised the valour of Rama, who was waging a war. |
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4.31 | स्पर्धार्थं गच्छताम् एतेषां जयः निश्चितः । |
स्पर्धा + अर्थ / पुं / द्वि.वि / ए.व {स्पर्ध् + अ = स्पर्धा / स्त्री} गम् + शतृँ / पुं / ष.वि / ब.व एतद् / पुं / ष.वि / ब.व जि + अच् = जय / पुं / प्र.वि / ए.व निर् + चि + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
போட்டிக்காக செல்கின்ற இவர்களுக்கு வெற்றி நிச்சியம். Victory is definite for these people, who are going to compete. |
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4.32 | देशरक्षणार्थं युद्धं कुर्वतां सैनिकानां देशभक्तिः श्लाघनीया । |
देशरक्षण + अर्थ / नपुं / द्वि.वि / ए.व {देश + रक्ष् + ल्युट् = देशरक्षण} युध् + क्त = युद्ध / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / ष.वि / ब.व सैनिक / पुं / ष.वि / ब.व देशभक्ति / स्त्री / प्र.वि / ए.व {देश + भज् + क्तिन् = देशभक्ति / स्त्री} श्लाघनीय + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व {श्लाघ् + अनीयर् = श्लाघनीय / त्रि} |
நாட்டை காப்பதற்காக யுத்தம் புரிகின்ற வீரர்களின் நாட்டுப்பற்று பாராட்டப்படவேண்டியது. Patriotism of the soldiers, fighting the war for protecting the country, is appreciated. |
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4.33 | धनम् अपहरति चोरे आरक्षकस्य दृष्टिः पतिता । |
धनम् / नपुं / द्वि.वि / ए.व अप + हृ + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व चोर / पुं / स.वि / ए.व आरक्षक / पुं / ष.वि / ए.व दृश् + क्तिन् = दृष्टि / स्त्री / प्र.वि / ए.व पत् + क्त + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
பணத்தை திருடுகின்ற திருடனின் மேல் காவல்காரரின் பார்வை விழுந்தது. Police's vision fell, on the thief stealing money. |
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4.34 | अकार्यं कुर्वति तस्मिन् विवेकः सर्वथा नास्ति । |
न कृ + ण्यत् = अकार्य / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व तद् / पुं / स.वि / ए.व विवेक / पुं / प्र.वि / ए.व {वि + विच् + घञ् = विवेक / पुं} सर्वथा / अव्ययम् न + अस् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
செய்யக்கூடாததை செய்யும் அவரில் விவேகம் என்றும் இல்லை. Wisdom is never there, in him, who is doing misdeeds. |
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4.35 | गच्छति तस्मिन् याने ५० जनाः सन्ति । |
गम् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व तद् / पुं / स.वि / ए.व यान / नपुं / स.वि / ए.व जन् + अच् = जन / पुं / प्र.वि / ब.व अस् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
செல்கின்ற அந்த வண்டியில் 50 பேர் உள்ளனர். 50 people are there, in this vehicle, which is going. |
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4.36 | पाठं पठत्सु बालकेषु गोविन्दः प्रथमं स्थानं प्राप्नुयात् । |
पठ् + भावे घञ् = पाठ / पुं / द्वि.वि / ए.व पठ् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व बालक / पुं / स.वि / ब.व गोविन्द / पुं / प्र.वि / ए.व प्रथम / नपुं / द्वि.वि / ए.व स्था + ल्युट् / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्र + आप् + कर्तरि विधिलिँङ् / प्र.पु / ए.व |
பாடத்தை படிக்கின்ற பாலகர்களுக்குள் கோவிந்தன் முதலாம் இடத்தை பெற்றான். Among the boys studying, Govinda obtained first place. |
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4.37 | तपः आचरत्सु भक्तेषु भगवता कृपा प्रदर्शिता । |
तपस् / पुं / द्वि.वि / ए.व आङ् + चर् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व भज् + क्त = भक्त / पुं / स.वि / ब.व भगवत् / पुं / तृ.वि / ए.व कृप + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व {कृप् + अङ् = कृप / पुं} प्र + दृश् + णिच् + क्त + टाप् / प्र.पु / ए.व
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தவம் புரிகின்ற பக்தர்களுக்கு கடவுளால் கருணை காட்டப்பட்டது. Grace was shown by God, to the devotees practising penance. |
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4.38 | व्यर्थं समयं यापयत्सु एतेषु कस्यापि कार्यश्रद्धा नास्ति । |
वि + अर्थ = व्यर्थ / पुं / द्वि.वि / ए.व समय / पुं / द्वि.वि / ए.व या + णिच् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व एतद् / पुं / स.वि / ब.व किम् / पुं / ष.वि / ए.व अपि / अव्ययम् कार्य + श्रद्धा / स्त्री / प्र.वि / ए.व न + अस् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
வீணாக நேரத்தை போக்குகின்ற இவர்களில் காரியத்தில் சிரத்தை இல்லை. In these people, who are wasting time, none show dedication. |
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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5.01 | वनं गच्छन्ती सीता न रुदितवती । |
वन / नपुं / द्वि.वि / ए.व गम् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व सीता / स्त्री / प्र.वि / ए.व न / अव्ययम् रुद् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
வனத்திற்கு சென்று கொண்டிருந்த பொழுது, சீதா அழவில்லை. Sita, who was going to the forest, did not cry. |
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5.02 | क्रीडन्ती राधा जननीं दृष्टवती । |
क्रीड् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व राधा / स्त्री / प्र.वि / ए.व जननी / स्त्री / द्वि.वि / ए.व दृश् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
விளையாடிக் கொண்டிருந்த பொழுது, ராதா அம்மாவைப் பார்த்தாள். Radha, who was playing saw the mother. |
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5.03 | श्लोकं पठन्ती बालिका एव गौरी । |
श्लोक / पुं / द्वि.वि / ए.व पठ् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व बालिका / स्त्री / प्र.वि / ए.व एव / अव्ययम् गौरी / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
ஸ்லோகம் படித்துக் கொண்டிருக்கும் சிறுமி தான் கௌரி. The girl reading the verse is Gouri. |
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5.04 | देवं नमन्ती सुलता श्लोकान् उक्तवती । |
देव / पुं / द्वि.वि / ए.व नम् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व सुलता / स्त्री / प्र.वि / ए.व श्लोक / पुं / द्वि.वि / ब.व वच् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
கடவுளை வணங்கிக் கொண்டிருந்த பொழுது, சுலதா ஸ்லோகங்களை சொன்னாள். Sulatha, who was praying God, recited the verses. |
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5.05 | पतिम् अनुसरन्ती लोपामुद्रा आश्रमं प्रविष्टवती । |
पति / पुं / द्वि.वि / ए.व अनु + सृ + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व लोपामुद्रा / स्त्री / प्र.वि / ए.व आश्रम / पुं / द्वि.वि / ए.व प्र + विश् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
கணவனை பின்தொடர்ந்து கொண்டிருந்த லோபமுத்திரா, ஆசிரமத்திற்குள் நுழைந்தாள். Lopamudra, who was following her husband, entered the hermitage. |
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5.06 | भारं वहन्ती सङ्गीता अधः पतितवती । |
भार / पुं / द्वि.वि / ए.व वह् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व सङ्गीता / स्त्री / प्र.वि / ए.व अधः / अव्ययम् पत् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
சுமையை தாங்கி கொண்டிருந்த பொழுது சங்கீதா, கீழே விழுந்தாள். Sangita, who was carrying the load, fell down. |
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5.07 | हरिस्मरणं कुर्वती माता देवदर्शनं कृतवती । |
हरिस्मरण / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व मातृ / स्त्री / प्र.वि / ए.व देवदर्शन / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व
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ஹரியை நினைத்துக் கொண்டிருந்த பொழுது, அம்மா கடவுள் தரிசனத்தைக் கண்டாள். Mother, who was remembering Hari, saw the God. |
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5.08 | कथां लिखन्ती वेदा गीतं गीतवती । |
कथा / स्त्री / द्वि.वि / ए.व लिख् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व वेदा / स्त्री / प्र.वि / ए.व गै + क्त / नपुं / द्वि.वि / ए.व गै + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
கதையை எழுதிக் கொண்டிருந்த பொழுது, வேதா பாடலைப் பாடினாள். Veda, who was writing the story, sang the song. |
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5.09 | क्षीरं ददती धेनुः तृणं खादितवती । |
क्षीर / नपुं / द्वि.वि / ए.व दा + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व धेनु / स्त्री / प्र.वि / ए.व तृण / नपुं / द्वि.वि / ए.व खाद् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व
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பாலைக் கொடுத்துக் கொண்டிருந்த பொழுது, பசுமாடு புல்லைத் தின்றது. The cow, that was giving milk, ate the grass. |
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5.10 | सर्वेभ्यः मधुरं ददती माता पितरं स्मृतवती । |
सर्व / पुं / च.वि / ए.व मधु / नपुं / द्वि.वि / ए.व दा + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व मातृ / स्त्री / प्र.वि / ए.व पितृ / पुं / द्वि.वि / ए.व स्मृ + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व
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அனைவருக்கும் இனிப்பு வழங்கிக் கொண்டிருந்த பொழுது, அம்மா அப்பாவை நினைத்தாள். The mother, who was giving sweets to everyone, remembered her father. |
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5.11 | क्रीडन्त्यः बालिकाः इतस्ततः धावन्ति । |
क्रीड् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व बालिका / स्त्री / प्र.वि / ब.व इतः / अव्ययम् ततः / अव्ययम् धाव् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
விளையாடிக் கொண்டிருக்கின்ற சிறுமிகள் அங்கும் இங்கும் ஓடுகின்றனர். The girls, who are playing, run hither and thither. |
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5.12 | आपणं पश्यन्त्यः स्त्रियः तत्रैव स्थितवत्यः । |
आपण / पुं / द्वि.वि / ए.व दृश् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व स्त्री / स्त्री / प्र.वि / ब.व तत्र / अव्ययम् एव / अव्ययम् स्था + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
கடையைப் பார்த்துக் கொண்டிருந்த மகளீர், அங்கேயே நின்றுவிட்டனர். The women, who were looking at the shop, stood there itself. |
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5.13 | फलानि खादन्त्यः वानर्यः बीजानि क्षिप्तवत्यः । |
फल / नपुं / द्वि.वि / ए.व खाद् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व वानरी / स्त्री / प्र.वि / ब.व बीज / नपुं / द्वि.वि / ब.व क्षिप् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
பழங்களை உண்டுகொண்டிருந்த பெண் குரங்குகள், விதையை எறிந்தனர். The monkeys(f), who were eating the fruits, threw the seeds. |
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5.14 | नूतनगृहं क्षालयन्त्यः कर्मकर्यः धनं प्राप्तवत्यः । |
नूतनगृह / नपुं / द्वि.वि / ए.व क्षाल + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व कर्मकरी / स्त्री / प्र.वि / ब.व धन / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्र + आप् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
புதுவீட்டை துடைத்துக் கொண்டிருந்த வேலைக்காரிகள், பணத்தை பெற்றனர். The workers(f), who were cleaning the new home, received the money. |
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5.15 | कार्यक्रमे गायन्त्यः गायिकाः मुख्यातिथिं दृष्टवत्यः । |
कार्यक्रम / पुं / स.वि / ए.व गै + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व गै + ण्वुल् / स्त्री / प्र.वि / ब.व मुख्यातिथि / पुं / द्वि.वि / ए.व दृश् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व
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நிகழ்ச்சியில் பாடிக் கொண்டிருந்த பாடகிகள், முக்கிய விருந்தினரை பார்த்தனர். The singers(f), who were singing in the programme, saw the chief guest. |
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5.16 | शाटिकां क्रीणत्यः ललनाः कार्यक्रमं न गतवत्यः । |
शाटिका / स्त्री / द्वि.वि / ए.व क्री + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व ललना / स्त्री / प्र.वि / ए.व कार्यक्रम / पुं / द्वि.वि / ए.व न / अव्ययम् गम् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व
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புடவை வாங்கிக் கொண்டிருந்த இளம் பெண்கள், நிகழ்ச்சிக்கு போகவில்லை. The young ladies, who were buying the saree, did not go to the programme. |
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5.17 | कृष्णं स्मरन्त्यः गोपिकाः रुदितवत्यः । |
कृष्ण / पुं / द्वि.वि / ए.व स्मृ + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व गोपिका / स्त्री / द्वि.वि / ए.व रुद् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व
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கண்ணனை நினைத்துக் கொண்டிருந்த கோபிகைகள், அழுதனர். Gopikas, who were remembering Krishna, cried. |
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5.18 | गीतं शृण्वत्यः नर्तक्यः सर्वं विस्मृतवत्यः । |
गै + क्त / नपुं / द्वि.वि / ए.व श्रु + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व नर्तकी / स्त्री / प्र.वि / ब.व सर्व / पुं / द्वि.वि / ए.व वि + स्मृ + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व
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பாடலை கேட்டுக் கொண்டிருந்த பெண் நடனக்கலைஞர்கள், அனைத்தும் மறந்தனர். The dancers(f), who were listening to the song, forgot everything. |
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5.19 | पारितोषिकं ददत्यः शिक्षिकाः फलं न खादितवत्यः । |
पारितोषिक / पुं / द्वि.वि / ए.व दा + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व शिक्षिका / स्त्री / प्र.वि / ब.व फल / नपुं / द्वि.वि / ए.व न / अव्ययम् खाद् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व
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பரிசைக் கொடுத்துக் கொண்டிருந்த பெண் வாத்தியார்கள், பழத்தை உண்ணவில்லை. The teachers(f), who were giving the award, did not eat the fruit. |
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5.20 | मार्गम् अजान्त्यः भगिन्यः कष्टम् अनुभूतवत्यः । |
मार्ग / पुं / द्वि.वि / ए.व न ज्ञा + शतृँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व भगिनी / स्त्री / प्र.वि / ब.व कष्ट / नपुं / द्वि.वि / ए.व अनु + भू + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व
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வழி தெரியாமலிருந்த சகோதரிகள், கஷ்டத்தை அனுபவித்தனர். The sisters, who were unknowing (did not know) of the route, experienced difficulty. |
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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6.01 | जलम् आनयन्तीं सीतां शारदा अपि अनुसृतवती । |
जल / नपुं / द्वि.वि / ए.व आङ् + नी + शतृँ + ङीप् / स्त्री / द्वि.वि / ए.व सीता / स्त्री / द्वि.वि / ए.व शारदा / स्त्री / प्र.वि / ए.व अपि / अव्ययम् अनु + सृ + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
தண்ணீர் கொண்டு வந்துகொண்டிருக்கும் சீதாவை சாரதாவும் பின்தொடர்ந்தாள். Sharada also followed Sita, who was bringing water. |
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6.02 | निन्दन्तीं स्त्रियं दृष्ट्वा अन्याः स्त्रियः कुपितवत्यः । |
निन्द् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / द्वि.वि / ए.व स्त्री / स्त्री / द्वि.वि / ए.व दृश् + क्त्वा / अव्ययम् अन्या / स्त्री / प्र.वि / ब.व स्त्री / स्त्री / प्र.वि / ब.व कुप् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
திட்டுகின்ற பெண்ணைப் பார்த்து மற்ற பெண்கள் கோபித்துக்கொண்டனர். Having seen the lady censuring, the other ladies got angry. |
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6.03 | फलानि खादन्तीः वानरीः दृष्ट्वा बालिकाः हसितवत्यः । |
फल / नपुं / द्वि.वि / ब.व खाद् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / द्वि.वि / ब.व वानरी / स्त्री / द्वि.वि / ब.व दृश् + क्त्वा / अव्ययम् बालिका / स्त्री / प्र.वि / ब.व हस् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
பழங்களை சாப்பிடுகின்ற பெண்குரங்குகளைப் பார்த்து சிறுமிகள் சிரித்தனர். Having seen the monkeys(f), who was eating the fruits, the girls laughed. |
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6.04 | धावन्तीः गाः पश्य । धावतः गाः पश्य । |
(युष्मद् / त्रि / प्र.वि / ए.व) धाव् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / द्वि.वि / ब.व गो / पुंस्त्री / द्वि.वि / ब.व दृश् + लोँट् / म.पु / ए.व |
(நீ) ஓடுகின்ற பசுக்களைப் பார். (You) see the cows that are running. |
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6.05 | पद्यं पुनः पुनः स्मरन्त्या तया सुमधुरं न गीतम् । |
पद्य / नपुं / द्वि.वि / ए.व पुनः / अव्ययम् नी + शतृँ + ङीप् / स्त्री / तृ.वि / ए.व तद् / स्त्री / तृ.वि / ए.व सुमधुर / नपुं / प्र.वि / ए.व न / अव्ययम् गै + कर्मणि क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
கவிதையை மீண்டும் மீண்டும் நினைவுகோரும் அவளால் இனிமையாக பாட இயலவில்லை. The song was not sung sweetly by her, who was recollecting the poetry again and again. |
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6.06 | उत्तरं लिखन्त्या विद्यार्थिन्या मध्ये मध्ये आलोच्यते । |
उत्तर / नपुं / द्वि.वि / ए.व लिख् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / तृ.वि / ए.व विद्यार्थिनी / स्त्री / तृ.वि / ए.व मध्ये / अव्ययम् आङ् + लोच् + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ए.व |
பதிலை எழுதுகின்ற மாணவியால் இடையிடையில் யோசிக்கப்பட்டது. The students(f) writing the answer, thought intermittently. |
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6.07 | भक्ष्याणि खादन्तीभिः स्त्रीभिः बहु सम्भाषणं कृतम् । |
भक्ष् + यत् = भक्ष्य / नपुं / द्वि.वि / ब.व खाद् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / तृ.वि / ब.व स्त्री / स्त्री / तृ.वि / ब.व बहु / अव्ययम् सम् + भाष् + ल्युट् / नपुं / प्र.वि / ए.व कृ + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
பக்ஷணங்களை சாப்பிடுகின்ற பெண்களால் அதிக உரையாடல் செய்யப்பட்டது. The ladies who were eating snacks, conversed a lot. |
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6.08 | वस्त्रं प्रक्षालयन्तीभिः रजिकाभिः दीर्घोच्छ्वासः क्रियते । |
वस्त्र / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्र + क्षाल् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / तृ.वि / ब.व खाद् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / तृ.वि / ब.व राजिका / स्त्री / तृ.वि / ब.व दॄ + घञ् = दीर्घ / पुं / प्र.वि / ए.व उत् + श्वास / पुं / प्र.वि / ए.व {श्वस् + घञ् = श्वास} कृ + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ए.व |
துணியை துவைக்கின்ற சலவை பெண் தொழிலாளிகளால் பெருமூச்சு விடப்பட்டது. Deep breathing was done by the washer-women, who were washing cloth. |
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6.09 | नृत्यन्त्यै इदं पारितोषिकं दीयताम् । |
नृत् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / च.वि / ए.व इदम् / नपुं / प्र.वि / ए.व पारितोषिक / नपुं / प्र.वि / ए.व दा + कर्मणि लोँट् / प्र.पु / ए.व |
நடனமாடுகின்றவளுக்கு இந்த பரிசு வழங்கப்படட்டும். Let this award be given to the dancer(f), who is dancing. |
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6.10 | चित्रं पश्यन्त्यै बालिकायै तत् चित्रं रोचते । |
चित्र / नपुं / द्वि.वि / ए.व दृश् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / च.वि / ए.व बालिका / स्त्री / च.वि / ए.व तद् / नपुं / प्र.वि / ए.व चित्र / नपुं / प्र.वि / ए.व रुच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
ஓவியத்தை பார்க்கின்ற சிறுமிக்கு அந்த ஓவியம் பிடித்திருக்கிறது. The girl, who was looking at the picture, likes that picture. |
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6.11 | सीतां निन्दन्तीभ्यो राक्षसीभ्यो हनूमान् कुपितवान् । |
सीता / स्त्री / द्वि.वि / ए.व निन्द् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / च.वि / ब.व राक्षसी / स्त्री / च.वि / ब.व हनू + मतुँप् = हनूमत् / पुं / प्र.वि / ए.व {हनु / पुं / प्र.वि / द्वि.व} कुप् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
சீதையை திட்டுகின்ற அரக்கிகளை ஹனுமான் கோபித்தார். Hanuman got angry on the demons(f) who were censuring Sita. |
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6.12 | तत्र तिष्ठन्तीभ्यो ललनाभ्यः सङ्गीतं रोचते । |
तत्र / अव्ययम् स्था + शतृँ + ङीप् / स्त्री / च.वि / ए.व ललना / स्त्री / च.वि / ए.व सम् + गै + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व रुच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
அங்கு நிற்கின்ற இளம் பெண்களுக்கு இசை பிடித்திருக்கிறது. The young ladies, who were standing there, like music. |
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6.13 | स्फुरन्त्याः विद्युतः प्रकाशः आगतः । |
स्फुर् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / पं.वि / ए.व वि + द्युत् + क्विप् = विद्युत् / स्त्री / पं.वि / ए.व प्र + काश् + अच् / पुं / प्र.वि / ए.व आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
மின்னுகின்ற மின்னலிலிருந்து ஒளி வந்தது. Light came from the lightning, that was flashing. |
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6.14 | आगच्छन्त्याः व्याघ्र्याः मृगाः भीताः । |
आङ् + गम् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / पं.वि / ए.व व्याघ्री / स्त्री / पं.वि / ए.व मृग / पुं / प्र.वि / ब.व भी +क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
வருகின்ற பெண் புலியிடமிருந்து மிருகங்கள் பயந்தன. The animals were afraid of the approaching tigress. |
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6.15 | धावन्त्याः गोः पुच्छं पश्य । धावतः गोः पुच्छं पश्य । |
(युष्मद् / त्रि / प्र.वि / ए.व) धाव् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / ष.वि / ए.व धाव् + शतृँ / पुं / ष.वि / ए.व गो / पुंस्त्री / ष.वि / ए.व पुच्छ / नपुं / द्वि.वि / ए.व दृश् + कर्तरि लोँट् / प्र.पु / ए.व |
(நீ) ஓடுகின்ற பசுக்களினுடைய வாலைப் பார். (You) see the tail of the cow that is running. |
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6.16 | नृत्यन्त्याः मयूर्याः पदविन्यासं पश्य । |
(युष्मद् / त्रि / प्र.वि / ए.व) नृत् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / ष.वि / ए.व मयूरी / स्त्री / ष.वि / ए.व पदविन्यास / पुं / द्वि.वि / ए.व {वि + नि + अस् + घञ् = विन्यास / पुं} दृश् + लोँट् / म.पु / ए.व |
(நீ) நடனமாடுகின்ற பெண் மயிலினுடைய பாத அமைப்பைப் பார். (You) see the feet arrangement / disposition of the peahen, that is dancing. |
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6.17 | पतन्तीनां शिलानां वेगः महान् । |
पत् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / ष.वि / ब.व शिला / स्त्री / ष.वि / ब.व विज् + घञ् = वेग / पुं / प्र.वि / ए.व महत् / पुं / प्र.वि / ए.व |
விழுகின்ற கல்லினுடைய வேகம் பெரியது. The speed of the falling stone is great. |
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6.18 | जल्पन्तीनां कर्मकरीणां दर्शनेन स्वामी कुपितः । |
जल्प् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / ष.वि / ब.व कर्मकरी / स्त्री / ष.वि / ब.व दृश् + ल्युट् / नपुं / तृ.वि / ए.व स्वामिन् / पुं / प्र.वि / ए.व कुप् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
வம்படித்துக் கொண்டிருக்கும் பெண் ஊழியர்களைக் கண்டதால் முதலாளி கோபித்துக் கொண்டார். The master got angry, by seeing the chit-chatting workers(f). |
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6.19 | अकस्मात् आपतन्तीनां आपदां निवारणं कथम् ? |
न कस्मात् / अव्ययम् आङ् + पत् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / ष.वि / ब.व आङ् + पद् + क्विप् = आपद् / स्त्री / ष.वि / ब.व नि + वॄ + णिच् + ल्युट् / नपुं / प्र.वि / ए.व कथम् / अव्ययम्
|
எதிர்பாராமல் வருகின்ற கஷ்டங்களுடைய நிவாரணம் எப்படி? What is the relief from the adversities that befall accidentally? |
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6.20 | वहन्त्यां कुल्यायां मलिनता नास्ति । |
वह् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व कुल्या / स्त्री / स.वि / ए.व मलिन + तल् = मलिनता / स्त्री / प्र.वि / ए.व {मलिन + तल् [तद्धित] = मलिनता / स्त्री} न अस् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
ஓடுகின்ற ஆற்றில் அழுக்குத்தன்மை கிடையாது. There is no dirtyness in the flowing river. |
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6.21 | सम्यक् पठन्तीषु एतासु का प्रथमं स्थानं प्राप्नुयात् ? |
सम्यक् / अव्ययम् पठ् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व एतद् / स्त्री / स.वि / ब.व किम् / स्त्री / प्र.वि / ए.व प्रथम / नपुं / द्वि.वि / ए.व स्था + ल्युट् / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्र + आप् + विधिलिङ् / प्र.पु / ए.व |
நன்றாக படிக்கின்ற இந்த பெண்களில் யார் முதலிடத்தை அடைவார்? Among these(f) who study well, who shall obtain the first position? |
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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7.01 | तत्र वन्दमानः भक्तः एव श्रीकरः । |
तत्र / अव्ययम् वन्द् + शानच् / पुं / प्र.वि / ए.व भज् + क्त = भक्त / पुं / प्र.वि / ए.व एव / अव्ययम् श्रीकर / पुं / प्र.वि / ए.व |
அங்கே வணங்குகின்ற பக்தன்தான் ஸ்ரீகரன். The devotee, who is praying there, is Srikara. |
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7.02 | निर्मले आकाशे प्रकाशमानः चन्द्रः सर्वान् सन्तोषयति । |
निर्मल / पुं / स.वि / ए.व आकाश पुं / स.वि / ए.व प्र + काश् + शानच् / पुं / प्र.वि / ए.व चन्द्र / पुं / प्र.वि / ए.व सर्व / पुं / द्वि.वि / ब.व सम् + तुष् + णिच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
தெளிந்த வானில் மின்னுகின்ற சந்திரன் அனைவரையும் சந்தோஷப்படுத்துகிறார். Everyone enjoys the moon, shining in the clear sky. |
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7.03 | कार्यक्रमे भाषमाणः सन्तोषः अद्य मम गृहम् |
कार्यक्रम / पुं / स.वि / ए.व {कृ + ण्यत् = कार्य / पुं} {क्रम् + घञ् = क्रम / पुं} भाष् + शानच् / पुं / प्र.वि / ए.व सन्तोष / पुं / प्र.वि / ए.व अद्य / अव्ययम् अस्मद् / त्रि / ष.वि / ए.व गृह / नपुं / द्वि.वि / ए.व आङ् + गम् + कर्तरि लँङ् / प्र.पु / ए.व |
நிகழ்சியில் பேசுகின்ற சந்தோஷ் இன்று எனது வீட்டிற்க்கு வந்தார். Santosh, who is speaking in the programme, had come to my home today. |
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7.04 | उद्याने वायुना कम्पमानाः वृक्षाः (वृक्षस्य) शिरः चालयन्तः इव दृश्यन्ते । |
उत् + या + ल्युट् / नपुं / स.वि / ए.व वायु / पुं / तृ.वि / ए.व कम्प् + शानच् / पुं / प्र.वि / ब.व वृक्ष / पुं / प्र.वि / ब.व शिरस् / नपुं / द्वि.वि / ब.व चल् + णिच् + शतृँ / नपुं / प्र.वि / ब.व इव / अव्ययम् दृश् + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ए.व
|
நந்தவனத்தில் காற்றினால் ஆடுகின்ற மரங்கள், அசைகின்ற தலைகள் போல் காட்சியளிக்கின்றன. In the garden, the trees that are shaking due to the wind, look like the heads are swaying. |
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7.04a | उद्याने वायुना कम्पमानाः वृक्षाः नृत्यन्तम् नरम् इव दृश्यन्ते । |
उत् + या + ल्युट् / नपुं / स.वि / ए.व वायु / पुं / तृ.वि / ए.व कम्प् + शानच् / पुं / प्र.वि / ब.व वृक्ष / पुं / प्र.वि / ब.व नृत् + शतृँ / पुं / द्वि.वि / ए.व नर / पुं / द्वि.वि / ए.व इव / अव्ययम् दृश् + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ए.व |
நந்தவனத்தில் காற்றினால் ஆடுகின்ற மரங்கள், நடனமாடுகின்ற மனிதனைப் போல் காட்சியளிக்கின்றன. In the garden, the trees that are shaking due to the wind, look like a man dancing. |
||||||||||||||||||||||||||||||||||||
7.05 | याचमानाः भिक्षुकाः दैन्यं प्रदर्शयन्ति । |
याच् + शानच् / पुं / प्र.वि / ब.व भिक्षुक / पुं / प्र.वि / ब.व दीन + ष्यञ् / नपुं / द्वि.वि / ए.व {दी + क्त = दीन / त्रि} प्र + दृश् + णिच् + लँट् / प्र.पु / ब.व |
யாசிக்கின்ற பிச்சைக்காரர்கள் ஏழ்மையை வெளிக்காட்டுகின்றனர். The beggars, who are begging, display poverty. |
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7.06 | लम्बमानं फलं बालकः गृहीतवान् । |
लम्ब् + शानच् / नपुं / द्वि.वि / ए.व फल / नपुं / द्वि.वि / ए.व बालक / पुं / प्र.वि / ए.व ग्रह् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
ஆடிக்கொண்டிருக்கின்ற பழத்தை பாலகன் பறித்தான். The boy grabbed the fruit, that was dangling. |
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7.07 | शोभमानानि भवनानि जनेषु आनन्दं जनयन्ति । |
शुभ् + शानच् / नपुं / प्र.वि / ब.व भवन / नपुं / प्र.वि / ब.व जन् + अच् = जन / पुं / स.वि / ब.व आङ् + नन्द् + घञ् / पुं / द्वि.वि / ए.व जन् + णिच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
மிளிருகின்ற கட்டிடங்கள் மக்களினிடையில் ஆனந்தத்தை கொடுக்கிறது. The buildings, that are shining, brings joy among the people. |
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7.08 | पलायमानं मित्रं शीघ्रं धावति । |
परा + अय् + शानच् / नपुं / प्र.वि / ए.व मित्र / नपुं / प्र.वि / ए.व शीघ्र (adv) / नपुं / प्र.वि / ए.व धाव् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
தப்பிக்கின்ற நண்பன் சீக்கிரம் ஓடுகிறான். The friend, who is escaping, runs quickly. Note: परा + अयते = पलायते प्र + अयते = प्लायते By 8-2-19 उपसर्गस्यायतौ, the रेफः of the उपसर्गः gets लकारः as the replacement when the उपसर्गः is followed by the अय् धातुः | उदाहरणम् 1 : परा used as a उपसर्ग: with अय् धातुः परा + अयते [By 1-4-59 उपसर्गाः क्रियायोगे] = परायते [By 6-1-101 अकः सवर्णे दीर्घः] = पलायते [By 8-2-19 उपसर्गस्यायतौ] उदाहरणम् 2 : प्र used as a उपसर्ग: with अय् धातुः प्र + अयते [By 1-4-59 उपसर्गाः क्रियायोगे] = प्रायते [By 6-1-101 अकः सवर्णे दीर्घः] = प्लायते [By 8-2-19 उपसर्गस्यायतौ] |
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7.09 | कार्यम् आरभमाणा शीला देवं प्रार्थितवती । |
कृ + ण्यत् = कार्य / पुं / द्वि.वि / ए.व आङ् + रभ् + शानच् / स्त्री / प्र.वि / ए.व शीला / स्त्री / प्र.वि / ए.व देव / पुं / द्वि.वि / ए.व प्र + अर्थ + क्तवतुँ / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
காரியத்தை ஆரம்பிக்கின்ற ஷீலா கடவுளை வணங்கினாள். Sheela, who is beginning the work, prayed to the God. |
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7.10 | पचमाना पाचिका पाकशालां स्वच्छं स्थापितवती । |
पच् + शानच् / स्त्री / प्र.वि / ए.व पच् + ण्वुल् / स्त्री / प्र.वि / ए.व पाकशाला / स्त्री / द्वि.वि / ए.व स्वच्छ / नपुं / द्वि.वि / ए.व स्था + णिच् + क्तवतुँ / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
சமைக்கின்ற சமையல்காரி சமையலறையை சுத்தமாக வைத்திருக்கிறாள். The cook(f), who is cooking, has kept the kitchen clean. |
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7.11 | बाधमाना शिरोवेदना शीघ्रं न निर्गच्छति । |
बाध् + शानच् / स्त्री / प्र.वि / ए.व शिरोवेदना / स्त्री / प्र.वि / ए.व शीघ्र (adv) / नपुं / प्र.वि / ए.व न / अव्ययम् निर् + गम् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
பாதிக்கின்ற தலைவலி சீக்கிரம் போகவில்லை. The headache, that is bothering, is not going quickly. |
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7.12 | अधीयानाः छात्राः उत्तमफलितांशं प्राप्नुवन्ति । |
इ + शानच् / स्त्री / प्र.वि / ब.व छात्रा / स्त्री / प्र.वि / ब.व उत्तम + फलित + अंश / पुं / द्वि.वि / ए.व {उत् + तम् + अच् = उत्तम / पुं} {फल् + क्त = फलित / त्रि} प्र + आप् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
படிக்கின்ற மாணவரிகள் நல்லதேர்ச்சி அடைகின்றனர். The students, who are studying, obtain good result. |
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7.13 | कार्यं कुर्वाणाः कर्मकर्यः अधिकं धनम् इष्टवत्यः । |
कृ + ण्यत् = कार्य / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शानच् / स्त्री / प्र.वि / ब.व कर्मकरी / स्त्री / प्र.वि / ब.व अधिक / नपुं / द्वि.वि / ए.व धनम् / नपुं / द्वि.वि / ए.व इष् + क्तवतुँ / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
காரியத்தை செய்கின்ற வேலைக்காரிகள் அதிக காசை விரும்பினார்கள். The workers(f), who are working, desired more money. |
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7.14 | शयानाः वृद्धाः प्रातः उष्णपानीयम् इच्छन्ति । |
शी + शानच् / पुं / प्र.वि / ब.व वृद्ध / पुं / प्र.वि / ब.व प्रातः / अव्ययम् उष्ण + पानीय / पुं / द्वि.वि / ए.व {पा + अनीयर् = पानीय / त्रि} इष् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
தூங்குகின்ற முதியவர்கள் காலையில் சூடானபானத்தை விரும்புகிறார்கள். The old people, who are sleeping, desire hot drink. Note: प्रातस् = प्रातर् [By 8-2-66 ससजुषो रुः] = प्रातः [By 8-3-15 खरवसानयोर्विसर्जनीयः] |
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7.15 | भुञ्जानाः भगिन्यः मधुरं न स्वीकुर्वन्ति । |
भुज् + शानच् / स्त्री / प्र.वि / ब.व भगिनी / स्त्री / प्र.वि / ब.व मधुर / पुं / द्वि.वि / ए.व न / अव्ययम् स्वी + कृ + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
சாப்பிடுகின்ற சகோதரிகள் இனிப்பை ஏற்றுக்கொள்ளவில்லை. The sisters, who are eating, do not take sweet. |
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः |
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8.01 | नारदः वन्दमानं ध्रुवकुमारम् उत्थाप्य इति उक्तवान् । |
नारद / पुं / प्र.वि / ए.व वन्द् + शानच् / पुं / द्वि.वि / ए.व ध्रुवकुमार / पुं / द्वि.वि / ए.व उत् + स्था + ल्यप् / अव्ययम् इति / अव्ययम् ब्रू / वच् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
நாரதர் வணங்குகின்ற துருவகுமாரனை எழுப்பிய பின் கூறினார். Narada said so, having raised the Dhruva kumara who was praying. |
8.02 | दशरथः वर्धमानान् बालान् दृष्ट्वा हृष्टवान् । |
दशरथ / पुं / प्र.वि / ए.व वर्ध् + शानच् / पुं / द्वि.वि / ब.व बाल / पुं / द्वि.वि / ए.व दृश् + क्त्वा / अव्ययम् हृष् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
தசரதர் வளர்ந்துவருகின்ற பாலகர்களைப் பார்த்தபின் சந்தோஷித்தார். Dasarata experienced happiness, having seen the boys growing. |
8.03 | भाषमाणेन राजकीयपुरुषेण बहु प्रलपितम् । |
भाष् + शानच् / पुं / तृ.वि / ए.व राजकीयपुरुष / पुं / तृ.वि / ए.व बहु / अव्ययम् प्र + लप् + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
பேசிக்கொண்டிருக்கும் அரசுத்தரப்பு பேச்சாளரால் அதிகம் பேசப்பட்டது. Much was spoken by the spokesperson, who was speaking. |
8.04 | कार्यं कुर्वाणैः सर्वैरपि प्रायः फलं लभ्यते एव । |
कृ + ण्यत् = कार्य / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शानच् / पुं / तृ.वि / ब.व सर्व / पुं / तृ.वि / ब.व अपि / अव्ययम् प्रायः / अव्ययम् फलम् / पुं / प्र.वि / ए.व लभ् + कर्मणि लँट् / प्र.पु / ए.व एव / अव्ययम् |
கார்யம் செய்கின்ற அனைவராலும் அநேகமாக பலன் அடையப்படுகிறது. The results are mostly achieved, only by everyone who are doing the work. |
8.05 | धनं कामयमानाय कृपणाय अन्यत् किमपि न रोचते । |
धन / नपुं / प्र.वि / ए.व कम् + शानच् / पुं / च.वि / ए.व कृपण / पुं / च.वि / ए.व अन्यत् / अव्ययम् किम् / नपुं / प्र.वि / ए.व अपि / अव्ययम् न / अव्ययम् रुच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
பணத்திற்க்கு ஆசைப்படுகின்ற கருமிக்கு வேறு ஒன்றிலும் விருப்பமில்லை. The miser who is desiring money, does not like anything else. |
8.06 | याचमानेभ्यः भिक्षुकेभयः प्रायः सर्वे कुप्यन्ति । |
याच् + शानच् / पुं / च.वि / ब.व भिक्षुक / पुं / च.वि / ब.व प्रायस् / अव्ययम् सर्व / पुं / प्र.वि / ब.व कुप् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
பிச்சை எடுக்கின்ற பிச்சைக்காரர்களை அநேகமாக அனைவரும் கோபிக்கின்றனர். Everyone is probably angry at the begger who is begging. |
8.07 | किञ्चित् स्पन्दमानादपि वृक्षात् फलानि पतितानि । |
किम् + चित् / अव्ययम् स्पन्द् + शानच् / पुं / पं.वि / ए.व अपि / अव्ययम् वृक्ष / पुं / पं.वि / ए.व फल / नपुं / प्र.वि / ब.व पत् + क्त / नपुं / प्र.वि / ब.व |
கொஞ்சம் ஆடுகின்ற மரத்திலிருந்து பழங்கள் விழுந்தன. From the tree that is shaking a little, the fruits fell |
8.08 | गुहासु वर्तमानेभ्यः व्याघ्रेभ्यः मृगाः भीताः । |
गुहा / स्त्री / स.वि / ब.व वर्त् + शानच् / पुं / पं.वि / ब.व व्याघ्र / पुं / पं.वि / ब.व मृगा / पुं / प्र.वि / ब.व भी + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
குகைகளில் இருக்கின்ற புலிகளைக் கண்டு மிருகங்கள் / மான்கள் பயப்பட்டன. The animals / deers are afraid of the tigers in the caves. |
8.09 | भाषणम् आरभमाणस्य उपन्यासकस्य अभिमुखं सर्वे स्वमुखं परिवर्तितवन्तः । |
भाष् + ल्युट् / पुं / द्वि.वि / ए.व आङ् + रभ् + शानच् / पुं / ष.वि / ए.व उप् + नि + अस् + ण्वुल् / पुं / ष.वि / ए.व अभि + मुख / पुं / द्वि.वि / ए.व सर्व / पुं / प्र.वि / ब.व परि + वर्त् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व |
பேச்சை ஆரம்பிக்கின்ற பேச்சாளரை நோக்கி அனைவரும் தன் முகத்தை திருப்பினர். Everyone turned their faces in the direction of the lecturer, who is starting his speech. |
8.10 | प्रयतमानानां कार्यसिद्धिः अवश्यं भवत्येव । |
प्र + यत् + शानच् / पुं / ष.वि / ब.व कार्यसिद्धि / स्त्री / प्र.वि / ए.व {कृ + ष्यञ् = कार्य} {सिध् + क्तिन् = सिद्धि} अ + वश् + यत् / पुं / द्वि.वि / ए.व भू + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व एव / अव्ययम् |
முயற்சிகளுக்கு காரியத்தில் வெற்றி கண்டிப்பாக கிட்டும். The success of those who put the effort in the work, is definitely obtained. |
8.11 | देवं सेवमाने भक्ते शान्तिः वर्तते । |
देव / पुं / द्वि.वि / ए.व सेव + शानच् / पुं / स.वि / ए.व भज् + क्त / पुं / स.वि / ए.व शम् + क्तिन् / स्त्री / प्र.वि / ए.व वर्त + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
கடவுளை வழிபடுகின்ற பக்தர்களில் நிம்மதி இருக்கிறது. Peace is in the devotee who is praying to the God. |
8.12 | अधियानेषु छात्रेषु श्रद्धा भवेत् एव । |
इ + शानच् / पुं / स.वि / ब.व छात्र / पुं / स.वि / ब.व श्रद्धा / स्त्री / प्र.वि / ए.व भू + कर्तरि विधिलिङ् / प्र.पु / ए.व एव / अव्ययम् |
படிக்கின்ற மாணவர்களில் நேர்மை உண்டுதான். In the students who are studying, there must be sincerity. |
8.13 | इतस्ततः कम्पमानां रज्जुं दृष्ट्वा सः सर्पः इति भ्रान्तिं प्राप्तवान् । |
इतः / अव्ययम् ततः / अव्ययम् कम्प् + शानच् + टाप् / स्त्री / द्वि.वि / ए.व रज्जु / स्त्री / द्वि.वि / ए.व दृश् + क्त्वा / अव्ययम् तद् / पुं / प्र.वि / ए.व सर्प / पुं / प्र.वि / ए.व इति / अव्ययम् भ्रम् + क्तिन् / स्त्री / द्वि.वि / ए.व प्र + आप् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
இங்கும் அங்கும் ஆடிக்கொண்டிருக்கும் கயிறை பார்த்தபின் அவன் பாம்பு என்று குழப்பம் அடைந்தான். Having seen the rope shaking here and there, he got confused that it was a snake. |
8.14 | भजमानाः पौत्रीः दृष्ट्वा पितामही सन्तुष्टा । |
भज् + शानच् + टाप् / स्त्री / द्वि.वि / ब.व पौत्री / स्त्री / द्वि.वि / ब.व दृश् + क्त्वा / अव्ययम् पितामही / स्त्री / प्र.वि / ए.व सम् + तुष् + क्त + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
துதிக்கின்ற பேத்திகளைக் பார்த்து பாட்டி (அப்பாவின் அம்மா) சந்தோஷம் அடைந்தார். Having seen the grand-daughters praying, the paternal grandmother felt happy. |
8.15 | बाधमानया शिरोवेदनया मम भगिनी अस्वस्था । |
बाध् + शानच् + टाप् / स्त्री / तृ.वि / ए.व शिरोवेदना / स्त्री / तृ.वि / ए.व अस्मद् / त्रि / ष.वि / ए.व भगिनी / स्त्री / प्र.वि / ए.व अस्वस्थ + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व {स्व + स्था + क = स्वस्थ / त्रि} {न स्वस्थ = अस्वस्थ / त्रि} |
பாதித்துக்கொண்டிருக்கும் தலைவேதனையால் என் சகோதரி உடல்நலம் குன்றினாள். My sister is unwell owing to the bothering headache. |
8.16 | भिक्षमाणाभिः भिक्षुकीभिः सन्तोषः अनुभूतः किम् ? |
भिक्ष् + शानच् + टाप् / स्त्री / तृ.वि / ब.व भिक्षुकी / स्त्री / तृ.वि / ब.व सम् + तुष् + घञ् / पुं / प्र.वि / ए.व अनु + भू + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व किम् / नपुं / द्वि.वि / ए.व |
பிச்சை எடுத்துக்கொண்டிருக்கும் பிச்சைகாரிக்கு என்ன சந்தோஷம் கிடைக்கும்? What happiness experienced by the beggar(f) who is begging? |
8.17 | विशेषेण आलोचमानायै लेखिकायै प्रशस्तिः प्रदत्ता । |
वि + शिष् + घञ् / पुं / च.वि / ए.व आङ् + लोच् + शानच् + टाप् / स्त्री / च.वि / ए.व लिख् + ण्वुल् / स्त्री / च.वि / ए.व प्र + शंस् + क्तिन् / स्त्री / प्र.वि / ए.व प्र + दा + क्त / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
சிறப்பாக யோசிக்கின்ற எழுத்தாளருக்கு பரிசு அளிக்கப்பட்டது. The praise was given to the writers(f), whose thinking process is different / special. |
8.18 | विक्रीणानाभ्यः शिक्षार्थिनीभ्यः पुस्तकं स्वीकुर्वन्तु । |
वि + क्री + शानच् + टाप् / स्त्री / पं.वि / ए.व शिक्षार्थिनी / स्त्री / पं.वि / ए.व पुस्तक / नपुं / द्वि.वि / ए.व स्वीकृ + कर्तरि लोँट् / प्र.पु / ब.व |
விற்கின்ற மாணவிகளிடமிருந்து புத்தகத்தை பெற்றுக் கொள்ளவேண்டும். Receive the book from the students(f), who are selling. |
8.19 | उड्डयमानायाः श्येन्याः शुकशावकः अत्यन्तं भीतः । उड्डयमानायाः श्येन्याः शुकशावकः अत्यन्तः भीतः । |
उत् + डी + शानच् + टाप् / स्त्री / पं.वि / ए.व श्येनी / स्त्री / पं.वि / ए.व शुकशावक / पुं / प्र.वि / ए.व अत्यन्तम् / अव्ययम् अति + अन्त / पुं / प्र.वि / ए.व भी + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
பறக்கின்ற பருந்துகளிடமிருந்து கிளிக்குஞ்சுகள் மிகவும் பயப்பட்டன. The young parrot, is extremely afraid of the fying hawk(f). |
8.20 | स्पर्धमानाभ्यः शिक्षार्थिनीभ्यः प्रशस्तिः दीयताम् । |
स्पर्ध् + शानच् + टाप् / स्त्री / च.वि / ब.व शिक्षार्थिनी / स्त्री / च.वि / ब.व प्र + शंस् + क्तिन् / स्त्री / प्र.वि / ए.व दा + कर्मणि लोँट् / प्र.वि / ए.व |
போட்டியிடுகின்ற மாணவிகளுக்கு பரிசு வழங்கப்படட்டும். Let the praise / award be given to the students(f) who are competing. |
8.21 | रावणम् एव आशङ्कमानायाः सीतायाः मनसि हनूमतः दर्शनात् भीतिः उत्पन्ना । |
रावण / पुं / द्वि.वि / ए.व एव / अव्ययम् आङ् + शङ्क् + शानच् + टाप् / स्त्री / पं.वि / ए.व सीता / स्त्री / पं.वि / ए.व मनस् / नपुं / स.वि / ए.व हनु + मतुँप् = हनुमत् / पुं / ष.वि / ए.व दृश् + ल्युट् / पुं / पं.वि / ए.व भी + क्तिन् / स्त्री / प्र.वि / ए.व उत् + पद् + क्त / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
ராவணனை மட்டும் சந்தேகித்துக் கொண்டிருக்கும் சீதாவின் மனதில், ஹனுமானின் தரிசனம் பயத்தை உண்டாக்கியது. For Sita, who was doubting only Ravana so far in her mind, the visual of Hanuman created fear. |
8.22 | वेपमानानां युवतीनां बान्धवाः तत्र आगताः । |
वेप् + शानच् + टाप् / स्त्री / ष.वि / ब.व युवती / स्त्री / ष.वि / ब.व बान्धव / पुं / प्र.वि / ब.व तत्र / अव्ययम् आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
நடுங்குகின்ற இளம்பெண்களுடைய உறவினர்கள் அங்கு வந்தனர். The relatives of the ladies who are trembling, arrived there. |
8.23 | खिद्यमानायां वृद्धायां नूतनः अभिलाषः उत्पन्नः । |
खिद् + शानच् + टाप् / स्त्री / स.वि / ए.व वृद्धा / स्त्री / स.वि / ए.व नूतन / पुं / प्र.वि / ए.व अभि + लष् + घञ् / पुं / प्र.वि / ए.व उत् + पद् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
துயரப்படுகின்ற முதியவளில் புது ஆசை உருவாகியது. New desire cropped up in the old lady, who was suffering. |
8.24 | स्पर्धमानासु बालिकासु शालिनी तीक्षणमतिः । |
स्पर्ध् + शानच् + टाप् / स्त्री / स.वि / ब.व बालिका / स्त्री / स.वि / ब.व शालिनी / स्त्री / प्र.वि / ए.व तीक्षणमति / स्त्री / प्र.वि / ए.व {तिज् + क्स्न = तीक्षण / त्रि} {मन् + क्तिन् = मति / स्त्री} |
போட்டியிடுகின்ற சிறுமிகளுள் ஷாலினி நுண்மதி உடையவள். Among the girls who are competing, Shalini has sharp intellect. |
8.25 | आतपे प्रतीक्षमाणेभ्यः मित्रेभ्यः पानकं रोचते । |
आतप / पुं / स.वि / ए.व प्रति + ईक्ष् + शानच् / नपुं / च.वि / ब.व मित्र / नपुं / च.वि / ब.व पानक / नपुं / प्र.वि / ए.व रुच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
வெயிலில் காத்திருக்கின்ற நண்பர்கள் பானத்தை விரும்புகின்றனர். Friends, who are waiting in the heat, like the beverage / drink. |
8.26 | लम्बमानानि फलानि स्वीकरोतु । |
लम्ब् + शानच् / नपुं / प्र.वि / ब.व फल / नपुं / प्र.वि / ब.व स्वीकृ + कर्तरि लोँट् / प्र.पु / ए.व |
ஆடுகின்ற பழங்களை பெற்றுக்கொள். Let the shaking fruits be taken. |
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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9.01 | शिक्षके आगच्छति सति छात्राः उत्थितवन्तः । |
शिक्षक / पुं / स.वि / ए.व आङ् + गम् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ = सत् / पुं / स.वि / ए.व छात्र / पुं / प्र.वि / ब.व उत् + स्था + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व
|
வாத்தியார் வந்துகொண்டிருக்கும் பொழுது மாணவர்கள் எழுந்து நின்றனர். When the teacher was coming, the students stood up. |
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9.02 | प्रदीपे स्नानं कुर्वति सति जलागमनं स्थगितम् । |
प्रदीप / पुं / स.वि / ए.व स्ना + ल्युट् / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व जल + आङ् + गम् + ल्युट् / नपुं / प्र.वि / ए.व {जलस्य आगमनम्} स्थग् + क्त / नपुं / प्र.वि / ए.व |
ப்ரதீப் குளித்துக் கொண்டிருக்கும் பொழுது தண்ணீர் நின்றது. When Pradeep was taking bath, the flow of water stopped. |
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9.03 | पुत्रेषु आगच्छत्सु सत्सु माता सन्तुष्टा । |
पुत्र / पुं / स.वि / ब.व आङ् + गम् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व मातृ / स्त्री / प्र.वि / ए.व सम् + तुष् + क्त + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
புத்திரர்கள் வந்துகொண்டிருக்கும் பொழுது அம்மா மகிழ்ச்சி அடைந்தாள். When the sons were coming, the mother felt happy. |
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9.04 | जनेषु कोलाहलं कुर्वत्सु सत्सु चोरः पलायितवान् । |
जन् + अच् = जन / पुं / स.वि / ब.व कोलाहल / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व चोर / पुं / प्र.वि / ए.व परा + अय् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
மக்கள் கலாட்டா செய்து கொண்டிருக்கும் பொழுது திருடன் தப்பித்தான். When the people were raising hue and cry, the thief escaped. Note: परा + अयते = पलायते प्र + अयते = प्लायते By 8-2-19 उपसर्गस्यायतौ, the रेफः of the उपसर्गः gets लकारः as the replacement when the उपसर्गः is followed by the अय् धातुः | उदाहरणम् 1 : परा used as a उपसर्ग: with अय् धातुः परा + अयते [By 1-4-59 उपसर्गाः क्रियायोगे] = परायते [By 6-1-101 अकः सवर्णे दीर्घः] = पलायते [By 8-2-19 उपसर्गस्यायतौ] उदाहरणम् 2 : प्र used as a उपसर्ग: with अय् धातुः प्र + अयते [By 1-4-59 उपसर्गाः क्रियायोगे] = प्रायते [By 6-1-101 अकः सवर्णे दीर्घः] = प्लायते [By 8-2-19 उपसर्गस्यायतौ] |
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9.05 | कपिषु पश्यत्सु सत्सु हनुमान् समुद्रलँङ्गनं कृतवान् । |
कपि / पुं / स.वि / ब.व दृश् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व हनु + मतुँप् = हनुमत् / पुं / प्र.वि / ए.व समुद्र + लँङ्ग् + ल्युट् / पुं / द्वि.वि / ए.व कृ + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
குரங்குகள் பார்த்துக் கொண்டிருக்கும் பொழுது ஹனுமான் கடலை தாண்டினார். When the monkeys were seeing, Hanuman leaped over the ocean. |
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9.06 | सीतायां चिन्तयन्त्यां सत्यां रामदूतः आगतः । |
सीता / स्त्री / स.वि / ए.व चिन्त् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + ङीप् = सती / स्त्री / स.वि / ए.व रामदूत / पुं / प्र.वि / ए.व आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व
|
சீதா யோசித்துக் கொண்டிருக்கும் பொழுது ராமதூதன் வந்தான். When Sita was thinking, the messenger of Rama came. |
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9.07 | वानरीषु फलं चोरयन्तीषु सतीषु पितृव्यः प्रकोष्ठं प्रविष्टवान् । |
वानरी / स्त्री / स.वि / ब.व फल / नपुं / द्वि.वि / ए.व चुर् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व पितृव्य / पुं / प्र.वि / ए.व प्रकोष्ठ / पुं / द्वि.वि / ए.व प्र + विश् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
குரங்குகள் பழத்தை திருடிக் கொண்டிருக்கும் பொழுது சித்தப்பா அறைக்குள் நுழைந்தார். When the monkeys(f) were stealing the fruit, paternal uncle entered the room. |
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9.08 | नारीषु जल्पन्तीषु सतीषु अन्धकारः प्रसृतः । |
नारी / स्त्री / स.वि / ब.व जल्प् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व अन्धकार / पुं / प्र.वि / ए.व प्र + सृ + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
பெண்கள் வம்பு பேசிக்கொண்டிருக்கும் பொழுது இருள் சூழ்ந்தது. When the women were gossiping, the night fell. |
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9.09 | गायिकासु गायन्तीषु सतीषु श्रोतारः सन्तोषम् अनुभूतवन्तः । |
गायिका / स्त्री / स.वि / ब.व गै + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व श्रु + तृच् = श्रोतृ / पुं / प्र.वि / ब.व सम् + तुष् + घञ् / पुं / द्वि.वि / ए.व अनु + भू + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व |
பாடகிகள் பாடிக்கொண்டிருக்கும் பொழுது கேட்பவர்கள் ஆனந்தம் அடைந்தனர். When the singers(f) were singing, the listeners experienced happiness. |
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9.10 | शबर्यां ध्यायन्त्यां सत्यां रामः प्रत्यक्षः जातः । |
शबरी / स्त्री / स.वि / ए.व ध्यै + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व राम / पुं / प्र.वि / ए.व प्रति + अक्ष / पुं / प्र.वि / ए.व जै + क्त = जात / पुं / प्र.वि / ए.व |
சபரி த்யானம் செய்து கொண்டிருக்கும் பொழுது ராமன் கண்முன் தோன்றினார். When Sabari was meditating, Rama appeared. |
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9.11 | सर्वेषु शयानेषु सत्सु चोरः गृहं प्रविष्टवान् । |
सर्व / नपुं / स.वि / ब.व शी + शानच् / नपुं / स.वि / ब.व अस् + शतृँ = सत् / नपुं / स.वि / ब.व चोर / पुं / प्र.वि / ए.व गृह / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्र + विश् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व
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அனைவரும் தூங்கிக் கொண்டிருக்கும் பொழுது திருடன் வீட்டுக்குள் நுழைந்தான். When everyone was sleeping, the thief entered the house. |
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9.12 | हरौ चेष्टमाने सति शिशुः अधः अपतत् । |
हरि / पुं / स.वि / ए.व चेष्ट् + शानच् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व शिशु / पुं / प्र.वि / ए.व अधः / अव्ययम् पत् + कर्तरि लँङ् / प्र.पु / ए.व |
ஹரி சேட்டை செய்து கொண்டிருக்கும் பொழுது குழந்தை கீழே விழுந்தது. When Hari was doing mischief, the baby fell. |
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9.13 | गोविन्दे प्रतीक्षमाणे सति पत्रवितारकः आगतः । |
गोविन्द / पुं / स.वि / ए.व प्रति + ईक्ष् + शानच् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व पत्रवितारक / पुं / प्र.वि / ए.व आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
கோவிந்தன் காத்துக்கொண்டிருக்கும் பொழுது தபால்காரர் வந்தார். When Govinda was waiting, the postman came. |
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9.14 | लतायाम् एधमानायां सत्यां कीटाः बाधन्ते । |
लता / स्त्री / स.वि / ए.व एध् + शानच् + टाप् / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व कीट / पुं / प्र.वि / ब.व बाध् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व |
கோடி வளர்ந்து கொண்டிருக்கும் பொழுது பூச்சிகள் பாதிக்கின்றன. When the creeper is growing, the insects infect / attack. |
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9.15 | लतासु कम्पमानासु सतीषु |
लता / स्त्री / स.वि / ब.व कम्प् + शानच् + टाप् / स्त्री / स.वि / ब.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ब.व फल / नपुं / प्र.वि / ब.व पत् + क्त / नपुं / प्र.वि / ब.व |
கோடி ஆடிக்கொண்டிருக்கும் பொழுது பழங்கள் விழுகின்றன. When the creepers are shaking, the fruits fall. |
क्रम० | वाक्यानि | विवरणम् | वाक्यानुवादाः | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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10.01 | सूर्ये अस्तं गते सति वयं गृहं प्रत्यागताः । |
सूर्य / पुं / स.वि / ए.व अस् [असुँ क्षेपने] + क्त = अस्त / पुं / द्वि.वि / ए.व गम् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व अस्मद् / त्रि / प्र.वि / ब.व गृह / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्रति + आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
சூரியன் அஸ்தமித்த பொழுது நாங்கள் வீட்டிற்கு திரும்பி வந்தோம். When the sun set, we returned home. |
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10.02 | शिक्षके आगते सति छात्राः तूष्णीम् अभवन् । |
शिक्षक / पुं / स.वि / ए.व आङ् + गम् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व छात्र / पुं / प्र.वि / ब.व तूष्णीम् / अव्ययम् भू + कर्तरि लँङ् / प्र.पु / ब.व |
வாத்தியார் வந்த பொழுது மாணவர்கள் அமைதியுற்றனர். When the teacher came, the students became quietly. |
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10.03 | श्रीरामे वनं गते सति दशरथः प्राणान् अत्यजत् । |
श्रीराम / पुं / स.वि / ए.व वन / नपुं / द्वि.वि / ए.व गम् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व दशरथ / पुं / प्र.वि / ए.व प्र + अन् + अच् = प्राण / पुं / द्वि.वि / ब.व त्यज् + कर्तरि लँङ् / प्र.पु / ए.व |
ஸ்ரீராமன் காட்டிற்குச் சென்ற பொழுது தசரதன் உயிரை விட்டார். When Srirama went to the forest, Dasaratha gave up his life. |
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10.04 | कौसल्यायाम् आगतायां सत्यां सीता उत्थितवती । |
कौसल्या / स्त्री / स.वि / ए.व आङ् + गम् + क्त / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व सीता / स्त्री / प्र.वि / ए.व उत् + स्था + क्तवतुँ / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
கௌசல்யா வந்த பொழுது சீதா எழுந்து நின்றாள். When Kausalya came, Sita stood up. |
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10.05 | त्वयि आगते सति अहं गृहे न आसम् । |
युष्मद् / त्रि / स.वि / ए.व आङ् + गम् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व अस्मद् / त्रि / प्र.वि / ए.व गृह / नपुं / स.वि / ए.व न / अव्ययम् अस् + कर्तरि लँङ् / उ.पु / ए.व |
நீங்கள் வந்த பொழுது நான் வீட்டில் இல்லை. When you came, I wasn't at home. |
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10.06 | घण्टायां वादितायां सत्यां सर्वे छात्राः गतवन्तः । |
घण्टा / स्त्री / स.वि / ए.व वद् + णिच् + क्त / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व सर्व / पुं / प्र.वि / ब.व छात्र / पुं / प्र.वि / ब.व गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
மணி ஒலித்த பொழுது மாணவர்கள் அனைவரும் சென்றனர். When the bell rang, all the students left. |
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10.07 | समये प्राप्ते सति सर्वे छात्राः गतवन्तः । |
समय / पुं / स.वि / ए.व प्र + आप् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व सर्व / पुं / प्र.वि / ब.व छात्र / पुं / प्र.वि / ब.व गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ए.व |
நேரம் வந்த பொழுது மாணவர்கள் அனைவரும் சென்றனர். When the time came, all the students left. |
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10.08 | वसन्तकाले सम्प्राप्ते सति कोकिलः कूजति । |
वसन्तकाल / पुं / स.वि / ए.व सम् + प्र + आप् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व कोकिल / पुं / प्र.वि / ए.व कूज् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व |
வசந்த காலம் வந்த பொழுது குயில் கூவுகிறது. When the spring came, the cuckoo coos. |
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10.09 | पुत्रेषु परीक्षायाम् उत्तीर्णेषु सत्सु माता सन्तुष्टा । |
परि + ईक्ष् + अ + टाप् / स्त्री / स.वि / ए.व पुत्र / पुं / स.वि / ब.व उत् + तॄ + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व मातृ / स्त्री / प्र.वि / ए.व सम् + तुष् + क्त + टाप् / स्त्री / प्र.वि / ए.व |
தேர்வில் குழந்தைகள் தேர்ச்சி பெற்ற பொழுது அன்னை மகிழ்ச்சி அடைந்தாள். When the children (can be sons / sons and daughters) passed in the exam, the mother felt happy. |
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10.10 | अस्मासु आगतेषु सत्सु किमर्थं भवन्तः तूष्णीं स्थितवन्तः ? |
अस्मद् / त्रि / स.वि / ब.व आङ् + गम् + क्त / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व किमर्थं / अव्ययम् भवत् / पुं / प्र.वि / ब.व तूष्णीं / अव्ययम् स्था + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व |
நாங்கள் வந்த பொழுது எதற்க்காக நீங்கள் சும்மா இருந்தீர்கள்? When we came, why were you all quiet? |
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10.11 | धनिकेन धने दीयमाने सति भिक्षुकाः आगताः । |
धनिक / पुं / तृ.वि / ए.व धन / नपुं / स.वि / ए.व दा + कर्मणि (लँट्) शानच् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व भिक्षुक / पुं / प्र.वि / ब.व आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
பணக்காரரால் பணம் கொடுத்துக்கொண்டிருக்கும் பொழுது பிச்சைக்காரர்கள் வந்தார்கள். When the money was being given by the rich man, the beggars came. |
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10.12 | सर्वेषु शयानेषु सत्सु चोरः गृहं प्रविष्टवान् । |
सर्व / पुं / स.वि / ब.व शी + शानच् / पुं / स.वि / ब.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ब.व चोर / पुं / प्र.वि / ए.व गृह / नपुं / द्वि.वि / ए.व प्र + विश् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ए.व |
அனைவரும் தூங்கிக் கொண்டிருக்கும் பொழுது திருடன் வீட்டுக்குள் நுழைந்தான். When everyone was sleeping, the thief entered the house. |
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10.13 | भक्तैः ध्याने क्रियमाणे सति वार्तालापः मा कुरु । |
भज् + क्त / पुं / तृ.वि / ब.व ध्यै + ल्युट् / पुं / स.वि / ए.व कृ + कर्मणि (लँट्) शानच् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व वार्तालाप / पुं / प्र.वि / ए.व मा / अव्ययम् कृ + कर्तरि लोँट् / म.पु / ए.व |
பக்தர்களால் த்யானம் செய்துக்கொண்டிருக்கும் பொழுது (நீ) பேச்சு வார்த்தை செய்யாதே. When the meditation is being done by the devotees, do not talk. |
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10.14 | राहुणा चन्द्रे ग्रस्यमाने सति भोजनं न करणीयम् । |
राहु / पुं / तृ.वि / ए.व चन्द्र / पुं / स.वि / ए.व ग्रस् + शानच् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व भुज् + ल्युट् / नपुं / प्र.वि / ए.व न / अव्ययम् कृ + अनीयर् / नपुं / प्र.वि / ए.व |
ராகுவால் சந்திரன் பிடிக்கப்படும் பொழுது உணவு கொள்ளக்கூடாது. When the moon is being eclipsed by Rahu, eating must not be done. |
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10.15 | तया गीते गीयमाने सति सर्वाः तृप्तिम् अनुभूतवत्यः । |
तद् / स्त्री / तृ.वि / ए.व गै + क्त = गीत / पुं / स.वि / ए.व गै + कर्मणि (लँट्) शानच् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व सर्वा / स्त्री / प्र.वि / ब.व तृप् + क्तिन् / स्त्री / द्वि.वि / ए.व अनु + भू + क्तवतुँ / स्त्री / प्र.वि / ब.व |
அவளால் பாடல் பாடப்படும் பொழுது அனைவரும் நிறைவு அடைந்தனர். When the song was being sung by her, everyone(f) experienced contentment. |
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10.16 | बालिकायाम् आगतवत्यां सत्यां जनाः करताडनं कृतवन्तः । |
बालिका / स्त्री / स.वि / ए.व आङ् + गम् + क्तवतुँ + ङीप् / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + टाप् / स्त्री / स.वि / ए.व जन् + अच् = जन / पुं / प्र.वि / ब.व करताडन / नपुं / द्वि.वि / ए.व कृ + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व |
சிறுமி வந்த பொழுது மக்கள் கரஒலி எழுப்பினார்கள். When the girls came, the people clapped. |
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10.17 | वृक्षे पतितवति सति वाहनानि स्थगितानि । |
वृक्ष / पुं / स.वि / ए.व पत् + क्तवतुँ / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व वाहन / नपुं / प्र.वि / ब.व स्थग् + क्त / नपुं / प्र.वि / ब.व |
மரம் விழுந்த பொழுது வாகனங்கள் நின்றன. When the tree fell, the vehicles stopped. |
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10.18 | गुरौ आहूतवति सति शिष्याः आगतवन्तः । |
गुरु / पुं / स.वि / ए.व आङ् + ह्वे + क्तवतुँ / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व शिष्य / पुं / प्र.वि / ब.व आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
வாத்தியார் அழைத்த பொழுது மாணவர்கள் வந்தார்கள். When the teacher called, the students came. |
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10.19 | पितामह्यां धान्यं स्थापितवत्यां सत्यां पक्षिणः समागताः । |
पितामही / स्त्री / स.वि / ए.व धान्य / नपुं / द्वि.वि / ए.व स्था + णिच् + क्तवतुँ / स्त्री / स.वि / ए.व अस् + शतृँ + टाप् / स्त्री / स.वि / ए.व पक्षिन् / पुं / प्र.वि / ब.व सम् + आङ् + गम् + क्त / पुं / प्र.वि / ब.व |
பாட்டி தானியம் வைத்த பொழுது பறவைகள் கூடிவந்தன. When the paternal grandmother placed the grains, the birds gathered. |
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10.20 | सूचनां दत्तवति राज्ञि सति सैनिकाः धावितवन्तः । |
सूच् + ल्युट् + टाप् / स्त्री / द्वि.वि / ए.व दा + क्तवतुँ / पुं / स.वि / ए.व राजन् / पुं / स.वि / ए.व अस् + शतृँ / पुं / स.वि / ए.व सैनिक / पुं / प्र.वि / ब.व धाव् + क्तवतुँ / पुं / प्र.वि / ब.व
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ராஜா அறிவுறுத்தல்கள் தந்த பொழுது வீரர்கள் ஓடினார்கள். When the King gave the instructions, the soldiers ran. |
Chapter 1 -3 Bashabhyas is not accesible on clicking the link?
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