परिचयः - सुभाषितम् #03
अङ्गं गलितं पलितं मुण्डं दशनविहीनं जातं तुण्डम् ।
वृद्धो याति गृहीत्वा दण्डं तदपि न मुञ्चति आशापिण्डम् ॥
पदविभागः | विवरणम् | प्रतिपदार्थम् |
---|---|---|
अङ्गम् |
अङ्ग / नपुं / प्र.वि / ए.व सन्धिविवरणम् :- अङ्गम् + गलितम् = अङ्ग + (म् ⇒ ं) + गलितम् [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = अङ्गं गलितम् |
limb |
गलितम् |
गलित / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- गल् [गलँ अदने स्रवणे च ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; सेट्] (to eat, to swallow, to drip, to flow, to dissolve) पदविवरणम् :- गल् + क्त = गलित / त्रि (-तः-ता-तम्) (= dropped) सन्धिविवरणम् :- गलितम् + पलितम् = गलित + (म् ⇒ ं) + पलितम् [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = गलितं पलितम् |
have dropped |
पलितम् |
पलित / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- पल् [पलँ गतौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; सेट्] (to go) पदविवरणम् :- पल् + भावे क्त = पलित / त्रि (-तः-ता-ती-तम्) (= turned grey-haired) सन्धिविवरणम् :- पलितम् + मुण्डम् = पलित + (म् ⇒ ं) + मुण्डम् [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = पलितं मुण्डम् |
hairs turned grey due to old age |
मुण्डम् |
मुण्ड / नपुं / प्र.वि / ए.व सन्धिविवरणम् :- मुण्डम् + दशनविहीनम् = मुण्ड + (म् ⇒ ं) + दशनविहीनम् [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = मुण्डं दशनविहीनम् |
head |
दशनविहीनम् |
दशनविहीन / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- दंश् [दन्शँ दशने ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to bite, to sting) हा [ओँहाक् त्यागे ; जुहोत्यादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to abandon, to leave, to desert, to omit, to neglect) पदविवरणम् :- दंश् + भावे करणादौ ल्युट् = दशन / पुं & नपुं (= tooth) वि + हा + क्त = विहीन / पुं & नपुं (= deprived of, abandoned, left, deserted) समासविवरणम् :- [षष्ठीतत्पुरुषसमासः] दशनानां विहीनम् = दशनविहीन (= deprived of teeth) सन्धिविवरणम् :- दशनविहीनम् + जातम् = दशनविहीन + (म् ⇒ ं) + जातम् [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = दशनविहीनं जातम् |
without teeth |
जातम् |
जात / नपुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- जै [जै क्षये ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; अनिट्] (to wane, to decline, to decay, to reduce, to contract, to shrink) पदविवरणम् :- जै + क्त = जात/ पुं & नपुं (= gone) सन्धिविवरणम् :- जातम् + तुण्डम् = जात + (म् ⇒ ं) + तुण्डम् [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = जातं तुण्डम् |
has gone |
तुण्डम् | तुण्ड / नपुं / प्र.वि / ए.व | mouth |
वृद्धः |
वृद्ध / पुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- वृध् [वृधुँ वृद्धौ ; भ्वादिः ; आत्मनेपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to increase, to grow, to prosper) पदविवरणम् :- वृध् + क्त = वृद्ध / त्रि (-द्धः-द्धा-द्धम्) (= old, aged, ancient) |
old man |
याति |
या + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व धातुविवरणम् :- या [या प्रापणे ; अदादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to go, to pass) |
goes |
गृहीत्वा |
गृहीत्वा / अव्ययम् धातुविवरणम् :- ग्रह् [ग्रहँ उपादाने ; क्र्यादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; सेट्] (to take, to accept, to obtain) पदविवरणम् :- ग्रह् + क्त्वा = गृहीत्वा / अव्ययम् (= having taken, having held) |
having held |
दण्डम् |
दण्ड / नपुं / द्वि.वि / ए.व सन्धिविवरणम् :- दण्डम् + तदपि = दण्ड + (म् ⇒ ं) + तदपि [अनुस्वारसन्धिः ८.३.२३] = दण्डं तदपि |
a stick |
तत् |
तत् / नपुं / प्र.वि / ए.व सन्धिविवरणम् :- तत् + अपि = तद् + अपि [जश्त्वसन्धिः ८.२.३९] = तदपि |
that |
अपि | अपि / अव्ययम् | as well |
न मुञ्चति |
न मुच् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व धातुविवरणम् :- मुच् [मुचॢँ मोक्षणे ; तुदादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to free, to liberate, to leave, to release, to loosen, to abandon) |
does not leave |
आशापिण्डम् |
आशापिण्ड / नपुं / द्वि.वि / ए.व पदविवरणम् :- आशा / स्त्री (= hope, desire) पिण्ड / नपुं (= a heap, a cluster, a quantity or collection) समासविवरणम् :- [षष्ठीतत्पुरुषसमासः] आशायाः पिण्डम् = आशापिण्डम् (= a collection of desires) |
the cluster/ heap/ collection of desires |
अन्वयः (Prose order) | तात्पर्यम् (Purport) |
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अङ्गं गलितम् (अस्ति) । मुण्डं पलितम् (अस्ति) । तुण्डं दशनविहीनं जातम् (अस्ति) । वृद्धः दण्डं गृहीत्वा याति । तदपि (सः) आशापिण्डं न मुञ्चति । |
Limb is worn out. Head is greyed out due to old age. Mouth is gone without teeth. Having held the stick, the old man goes. Yet, he does not let go the collection of desires. |
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