शिक्षा - सूक्तिः #11
सत्यार्जवे धर्ममाहुः परं धर्मविदो जनाः ।
पदविभागः | पदविवर्णम् | प्रतिपदार्थम् | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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सत्यार्जवे |
सत्यार्जव / नपुं / प्र.वि / द्वि.व धातुविवरणम् :- अस् [असँ भुवि ; अदादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to be, to exist) ऋज् [ऋजँ गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु ; भ्वादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्] (to go, to stand, to stand still, to gain, to live, to be healthy, to earn, to obtain, to acquire) पदविवरणम् :- अस् + शतृँ = सत् / त्रि (-न्-ती-त्) (= being) सत् + यत् = सत्य / नपुं (-यं) (= truth) ऋज् + अण् = आर्जव / नपुं (-वं) (= straightness) समासविवरणम् :- [इतरेतर-द्वन्द्व-समासः] सत्यं च आर्जवं च इति सत्यार्जवे । (= truth and straight-forwardness) |
truth and straight-forwardness | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
धर्मम् |
धर्म / पुं / द्वि.वि / ए.व धातुविवरणम् :- धृ [धृञ् धारणे ; भ्वादिः ; उभयपदी ; द्विकर्मकः ; अनिट्] (to wear, to support, to possess, to hold) पदविवरणम् :- धृ + मन् (उणादिः 1.137) = धर्म / पुं & नपुं (-मः-मं) ( ध्रियते लोकोऽनेन, धरति लोकं वा इति धर्मः । ) (= virtue, moral and religious merit) |
(object) virtue, moral and religious merit | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
आहुः |
ब्रू + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व धातुविवरणम् :- ब्रू [ब्रूञ् व्यक्तायां वाचि ; अदादिः ; उभयपदी ; द्विकर्मकः ; सेट्] (to speak, to tell, to explain) |
speaks | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
परम् | परम् / अव्ययम् | greatest | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
धर्मविदः |
धर्मविद् / पुं / प्र.वि / ब.व धातुविवरणम् :- धृ [धृञ् धारणे ; भ्वादिः ; उभयपदी ; द्विकर्मकः ; अनिट्] (to wear, to support, to possess, to hold) विद् [विदँ ज्ञाने ; अदादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; सेट्] (to understand, to learn, to know, to realize, to experience, to be sad, to meditate, to think) पदविवरणम् :- धृ + मन् (उणादिः 1.137) = धर्म / पुं & नपुं (-मः-मं) ( ध्रियते लोकोऽनेन, धरति लोकं वा इति धर्मः । ) (= virtue, moral and religious merit) विद् + क्विप् = विद् / पुं (= who knows) समासविवरणम् :- [उपपद-समासः] धर्मान् वेत्ति यः सः इति धर्मविद् । (= he, who knows the religious merits)
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he, who knows the religious merits | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जनाः |
जन / पुं / प्र.वि / ब.व धातुविवरणम् :- जन् [जनीँ प्रादुर्भावे ; दिवादिः ; आत्मनेपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to be born, to become, to come to existence) पदविवरणम् :- जन् + अच् = जन / पुं (-नः) (= people) |
people |
विषयः | विवरणम् |
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अन्वयः | धर्मविदः जनाः आहुः (इति) -- सत्यार्जवे परं धर्मं (स्तः) । |
Purport | The people who know the religious merits say thus → "Truth and straight-forwardness are the greatest virtues". |
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