शिक्षा - सूक्तिः #04
अप्रकटीकृतशक्तिः शक्तोऽपि जनस्तिरस्क्रियां लभते ।
पदविभागः | पदविवर्णम् | प्रतिपदार्थम् | ||||||||||||||||||||||||||||
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अप्रकटीकृतशक्तिः |
अप्रकटीकृतशक्ति / स्त्री / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- कट् [कटेँ वर्षावरणयोः ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; सेट्] (to rain, to approach, to cover, to surround) कृ [डुकृञ् करणे ; तनादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to do, to act, to make) शक् [शकँ मर्षणे ; दिवादिः ; उभयपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to be able, to be possible) पदविवरणम् :- प्र + कट् + अच् = प्रकट / त्रि (-टः-टी-टं) (= displayed, unfolded, manifest, apparent) कृ + क्त = कृत / त्रि (-तः-ता-तं) (= done, made, performed) प्रकट + च्वि = प्रकटी + कृ + क्त = प्रकटीकृत / त्रि (-तः-ता-तं) (= that which was not visible is made visible) शक् + क्तिन् = शक्ति / स्त्री (-तिः) (= strength, prowess) समासविवरणम् :- [गति-समासः] अप्रकटं प्रकटं कृतम् इति प्रकटीकृतम् । (= that which was not visible is made visible) [विशेषण-पूर्वपद-कर्मधारय-समासः] प्रकटीकृता च सा शक्तिः च इति प्रकटीकृतशक्तिः । (= strength or courage that which was not visible, is made visible) [नञ्-तत्-पुरुष-समासः] न प्रकटीकृतशक्तिः इति अप्रकटीकृतशक्तिः । (= strength or courage which is NOT made visible) |
strength or courage which is NOT made visible | ||||||||||||||||||||||||||||
शक्तः |
शक्त / पुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- शक् [शकँ मर्षणे ; दिवादिः ; उभयपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to be able, to be possible) पदविवरणम् :- शक् + क्त = शक्त / त्रि (-तः-ता-तं) (= capable) |
he, who is capable | ||||||||||||||||||||||||||||
अपि | अव्ययम् | also | ||||||||||||||||||||||||||||
जनः |
जन / पुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- जन् [जनीँ प्रादुर्भावे ; दिवादिः ; आत्मनेपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to be born, to become, to come to existence) पदविवरणम् :- जन् + अच् = जन / पुं (-नः) (= people) |
people | ||||||||||||||||||||||||||||
तिरस्क्रियाम् |
तिरस्क्रिया / स्त्री / द्वि.वि / ए.व धातुविवरणम् :- कृ [डुकृञ् करणे ; तनादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to do, to act, to make) पदविवरणम् :- तिरस् + कृ + भावे शः = तिरस्क्रिया / स्त्री (-या) (= disrespect, contempt, reproach) The following 6 are उपसर्गसमानाकाराणि अव्ययानि →
More info |
disrespect, contempt, reproach | ||||||||||||||||||||||||||||
लभते |
लभ् + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ए.व धातुविवरणम् :- लभ् [डुलभँष् प्राप्तौ ; भ्वादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to get, to obtain, to take, to have, to find) |
receive |
विषयः | विवरणम् |
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अन्वयः | अप्रकटीकृतशक्तिः शक्तः जनः अपि तिरस्क्रियां लभते । |
Purport | Even capable people, whose strength or courage is NOT made visible, receive disrespect or contempt. |
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