शिक्षा - सूक्तिः #03
भवितव्यानां द्वाराणि भवन्ति सर्वत्र ।
पदविभागः | पदविवर्णम् | प्रतिपदार्थम् |
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भवितव्यानाम् |
भवितव्य / नपुं / ष.वि / ब.व धातुविवरणम् :- भू [भू सत्तायाम् ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to exist, to become, to be, to happen) पदविवरणम् :- भू + तव्यत् = भवितव्य / त्रि (-यः-या-यं) (= should happen, must happen) |
of what should happen |
द्वाराणि | द्वार / नपुं / प्र.वि / ब.व | the doors |
भवन्ति |
भू + कर्तरि लँट् / प्र.पु / ब.व धातुविवरणम् :- भू [भू सत्तायाम् ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; सेट्] (to exist, to become, to be, to happen) |
exist |
सर्वत्र | सर्व ( "सर्वस्मिन्" शब्दात् स्वार्थे ) + त्रल् (5.3.10) = सर्वत्र / अव्ययम् | everywhere |
विषयः | विवरणम् |
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अन्वयः | भवितव्यानां द्वाराणि सर्वत्र भवन्ति । |
Purport | For those that should happen, doors exist everywhere. |
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