प्रवेशः - सुभाषितम् #07
त्यजेदेकं कुलस्यार्थे ग्रामस्यार्थे कुलं त्यजेत् ।
ग्रामं जनपदस्यार्थे आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत् ॥
विषयः | विवरणम् |
---|---|
अन्वयः | कुलस्य अर्थे एकं (त्यजेत्) । ग्रामस्य अर्थे कुलं त्यजेत् । जनपदस्य अर्थे ग्रामं (त्यजेत्) । आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत् । |
Purport | For the sake of a family, one may sacrifice a person. For the sake of a village, one may sacrifice a family. For the sake of an inhabited country, one may sacrifice a village. For the sake of oneself, one may sacrifice the earth. |
कुलस्य अर्थे एकं (त्यजेत्)
(for the sake of a family, one may sacrifice a person)कुलस्य अर्थे
(for the sake of a family, race, caste, tribe)कुलस्य
कुल / नपुं / ष.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](of a family, race, caste, tribe)
कुल / नपुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | कुलम् | कुले | कुलानि |
द्वितीया | कुलम् | कुले | कुलानि |
तृतीया | कुलेन | कुलाभयाम् | कुलैः |
चतुर्थी | कुलाय | कुलाभयाम् | कुलेभ्यः |
पञ्चमी | कुलात् / द् | कुलाभयाम् | कुलेभ्यः |
षष्ठी | कुलस्य | कुलयोः | कुलानाम् |
सप्तमी | कुले | कुलयोः | कुलेषु |
सम्बोधन | कुल | कुले | कुलानि |
पद-विवरणम् :-
- कुल् + कः (सूत्र० ३|१|१३५) = कुल / नपुं (-लं) ।
(family, race, caste, tribe)कुल / नपुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा कुलम् कुले कुलानि द्वितीया कुलम् कुले कुलानि तृतीया कुलेन कुलाभयाम् कुलैः चतुर्थी कुलाय कुलाभयाम् कुलेभ्यः पञ्चमी कुलात् / द् कुलाभयाम् कुलेभ्यः षष्ठी कुलस्य कुलयोः कुलानाम् सप्तमी कुले कुलयोः कुलेषु सम्बोधन कुल कुले कुलानि - कुल् [कुलँ संस्त्याने बन्धुषु च ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; सेट्]
(to collect, to gather, to treat equally, to treat like family)
अर्थे
अर्थ / पुं / स.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](for the sake)
अर्थ / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | अर्थः | अर्थौ | अर्थाः |
द्वितीया | अर्थम् | अर्थौ | अर्थान् |
तृतीया | अर्थेन | अर्थाभयाम् | अर्थैः |
चतुर्थी | अर्थाय | अर्थाभयाम् | अर्थेभ्यः |
पञ्चमी | अर्थात् / द् | अर्थाभयाम् | अर्थेभ्यः |
षष्ठी | अर्थस्य | अर्थयोः | अर्थानाम् |
सप्तमी | अर्थे | अर्थयोः | अर्थेषु |
सम्बोधन | अर्थ | अर्थौ | अर्थाः |
पद-विवरणम् :-
- अर्थ + घञ् (सूत्र० ३|३|१८) = अर्थ / पुं (-थः) ।
([1] meaning, purpose, significance; [2] wealth, property, substance)अर्थ / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा अर्थः अर्थौ अर्थाः द्वितीया अर्थम् अर्थौ अर्थान् तृतीया अर्थेन अर्थाभयाम् अर्थैः चतुर्थी अर्थाय अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः पञ्चमी अर्थात् / द् अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः षष्ठी अर्थस्य अर्थयोः अर्थानाम् सप्तमी अर्थे अर्थयोः अर्थेषु सम्बोधन अर्थ अर्थौ अर्थाः - अर्थ [अर्थ उपयाच्ञायाम् ; चुरादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to beg, to request)
एकम्
एक / नपुं / द्वि.वि / ए.व [शब्द-रूपम्]({object} one person)
एक / नपुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | एकम् | ||
द्वितीया | एकम् | ||
तृतीया | एकेन | ||
चतुर्थी | एकस्मै | ||
पञ्चमी | एकस्मात् / द् | ||
षष्ठी | एकस्य | ||
सप्तमी | एकस्मिन् |
पद-विवरणम् :-
- एक / त्रि (-कः-का-कं) [ए.व एव] ।
(one)एक / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा एकः द्वितीया एकम् तृतीया एकेन चतुर्थी एकस्मै पञ्चमी एकस्मात् / द् षष्ठी एकस्य सप्तमी एकस्मिन् एका / स्त्री एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा एका द्वितीया एकाम् तृतीया एकया चतुर्थी एकस्यै पञ्चमी एकस्याः षष्ठी एकस्याः सप्तमी एकस्याम् एक / नपुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा एकम् द्वितीया एकम् तृतीया एकेन चतुर्थी एकस्मै पञ्चमी एकस्मात् / द् षष्ठी एकस्य सप्तमी एकस्मिन्
त्यजेत् / त्यजेद्
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् / प्र.पु / ए.व [धातु-रूपम्](may / must / should give up, abandon)
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम-पुरुषः | त्यजेत् / त्यजेद् | त्यजेताम् | त्यजेयुः |
मध्यम-पुरुषः | त्यजेः | त्यजेतम् | त्यजेत |
उत्तम-पुरुषः | त्यजेयम् | त्यजेव | त्यजेम |
धातु-विवरणम् :-
- त्यज् [त्यजँ हानौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्]
(to abandon, to leave, to quit, to let go, to renounce)
ग्रामस्य अर्थे कुलं त्यजेत्
(for the sake of a village, one may sacrifice a family)ग्रामस्य अर्थे
(for the sake of a village, a hamlet, an inhabited place)ग्रामस्य
ग्राम / पुं / ष.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](of a village, a hamlet, an inhabited place)
ग्राम / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | ग्रामः | ग्रामौ | ग्रामाः |
द्वितीया | ग्रामम् | ग्रामौ | ग्रामान् |
तृतीया | ग्रामेण | ग्रामाभयाम् | ग्रामैः |
चतुर्थी | ग्रामाय | ग्रामाभयाम् | ग्रामेभ्यः |
पञ्चमी | ग्रामात् / द् | ग्रामाभयाम् | ग्रामेभ्यः |
षष्ठी | ग्रामस्य | ग्रामयोः | ग्रामाणाम् |
सप्तमी | ग्रामे | ग्रामयोः | ग्रामेषु |
सम्बोधन | ग्राम | ग्रामौ | ग्रामाः |
पद-विवरणम् :-
- ग्रस् + मन् (उणा० १|१४०) = ग्राम / पुं (-मः) ।
(a village, a hamlet, an inhabited place)ग्राम / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा ग्रामः ग्रामौ ग्रामाः द्वितीया ग्रामम् ग्रामौ ग्रामान् तृतीया ग्रामेण ग्रामाभयाम् ग्रामैः चतुर्थी ग्रामाय ग्रामाभयाम् ग्रामेभ्यः पञ्चमी ग्रामात् / द् ग्रामाभयाम् ग्रामेभ्यः षष्ठी ग्रामस्य ग्रामयोः ग्रामाणाम् सप्तमी ग्रामे ग्रामयोः ग्रामेषु सम्बोधन ग्राम ग्रामौ ग्रामाः - ग्रस् [ग्रसुँ अदने ; भ्वादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to eat, to devour, to swallow, to consume, to seize, to eclipse)
अर्थे
अर्थ / पुं / स.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](for the sake)
अर्थ / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | अर्थः | अर्थौ | अर्थाः |
द्वितीया | अर्थम् | अर्थौ | अर्थान् |
तृतीया | अर्थेन | अर्थाभयाम् | अर्थैः |
चतुर्थी | अर्थाय | अर्थाभयाम् | अर्थेभ्यः |
पञ्चमी | अर्थात् / द् | अर्थाभयाम् | अर्थेभ्यः |
षष्ठी | अर्थस्य | अर्थयोः | अर्थानाम् |
सप्तमी | अर्थे | अर्थयोः | अर्थेषु |
सम्बोधन | अर्थ | अर्थौ | अर्थाः |
पद-विवरणम् :-
- अर्थ + घञ् (सूत्र० ३|३|१८) = अर्थ / पुं (-थः) ।
([1] meaning, purpose, significance; [2] wealth, property, substance)अर्थ / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा अर्थः अर्थौ अर्थाः द्वितीया अर्थम् अर्थौ अर्थान् तृतीया अर्थेन अर्थाभयाम् अर्थैः चतुर्थी अर्थाय अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः पञ्चमी अर्थात् / द् अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः षष्ठी अर्थस्य अर्थयोः अर्थानाम् सप्तमी अर्थे अर्थयोः अर्थेषु सम्बोधन अर्थ अर्थौ अर्थाः - अर्थ [अर्थ उपयाच्ञायाम् ; चुरादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to beg, to request)
कुलम्
कुल / नपुं / द्वि.वि / ए.व [शब्द-रूपम्]({object} one family, race, caste, tribe)
कुल / नपुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | कुलम् | कुले | कुलानि |
द्वितीया | कुलम् | कुले | कुलानि |
तृतीया | कुलेन | कुलाभयाम् | कुलैः |
चतुर्थी | कुलाय | कुलाभयाम् | कुलेभ्यः |
पञ्चमी | कुलात् / द् | कुलाभयाम् | कुलेभ्यः |
षष्ठी | कुलस्य | कुलयोः | कुलानाम् |
सप्तमी | कुले | कुलयोः | कुलेषु |
सम्बोधन | कुल | कुले | कुलानि |
पद-विवरणम् :-
- कुल् + कः (सूत्र० ३|१|१३५) = कुल / नपुं (-लं) ।
(family, race, caste, tribe)कुल / नपुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा कुलम् कुले कुलानि द्वितीया कुलम् कुले कुलानि तृतीया कुलेन कुलाभयाम् कुलैः चतुर्थी कुलाय कुलाभयाम् कुलेभ्यः पञ्चमी कुलात् / द् कुलाभयाम् कुलेभ्यः षष्ठी कुलस्य कुलयोः कुलानाम् सप्तमी कुले कुलयोः कुलेषु सम्बोधन कुल कुले कुलानि - कुल् [कुलँ संस्त्याने बन्धुषु च ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; अकर्मकः ; सेट्]
(to collect, to gather, to treat equally, to treat like family)
त्यजेत् / त्यजेद्
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् / प्र.पु / ए.व [धातु-रूपम्](may / must / should give up, abandon)
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम-पुरुषः | त्यजेत् / त्यजेद् | त्यजेताम् | त्यजेयुः |
मध्यम-पुरुषः | त्यजेः | त्यजेतम् | त्यजेत |
उत्तम-पुरुषः | त्यजेयम् | त्यजेव | त्यजेम |
धातु-विवरणम् :-
- त्यज् [त्यजँ हानौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्]
(to abandon, to leave, to quit, to let go, to renounce)
जनपदस्य अर्थे ग्रामं (त्यजेत्)
(for the sake of an inhabited country, one may sacrifice a village)जनपदस्य अर्थे
(for the sake of an inhabited country)जनपदस्य
जनपद / पुं / ष.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](of an inhabited country)
जनपद / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | जनपदः | जनपदौ | जनपदाः |
द्वितीया | जनपदम् | जनपदौ | जनपदान् |
तृतीया | जनपदेन | जनपदाभयाम् | जनपदैः |
चतुर्थी | जनपदाय | जनपदाभयाम् | जनपदेभ्यः |
पञ्चमी | जनपदात् / द् | जनपदाभयाम् | जनपदेभ्यः |
षष्ठी | जनपदस्य | जनपदयोः | जनपदानाम् |
सप्तमी | जनपदे | जनपदयोः | जनपदेषु |
सम्बोधन | जनपद | जनपदौ | जनपदाः |
पद-विवरणम् :-
- [उप-पद-समासः]
जनाः पद्यन्ते यत्र इति जनपदः, तस्य जनपदस्य । जनपद / पुं (-दः) ।
(of any inhabited country)जनपद / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा जनपदः जनपदौ जनपदाः द्वितीया जनपदम् जनपदौ जनपदान् तृतीया जनपदेन जनपदाभयाम् जनपदैः चतुर्थी जनपदाय जनपदाभयाम् जनपदेभ्यः पञ्चमी जनपदात् / द् जनपदाभयाम् जनपदेभ्यः षष्ठी जनपदस्य जनपदयोः जनपदानाम् सप्तमी जनपदे जनपदयोः जनपदेषु सम्बोधन जनपद जनपदौ जनपदाः - जन् + अच् (सूत्र० ३|१|१३४) = जन / पुं (-नः) ।
(people)जन / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा जनः जनौ जनाः द्वितीया जनम् जनौ जनान् तृतीया जनेन जनाभयाम् जनैः चतुर्थी जनाय जनाभयाम् जनेभ्यः पञ्चमी जनात् / द् जनाभयाम् जनेभ्यः षष्ठी जनस्य जनयोः जनानाम् सप्तमी जने जनयोः जनेषु सम्बोधन जन जनौ जनाः - जन् [जनीँ प्रादुर्भावे ; दिवादिः ; आत्मनेपदी ; अकर्मकः ; सेट्]
(to be born, to become, to come to existence) - पद् + अच् (सूत्र० ३|१|१३४) = पद / नपुं (-दं) ।
(a foot)पद / नपुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा पदम् पदे पदानि द्वितीया पदम् पदे पदानि तृतीया पदेन पदाभयाम् पदैः चतुर्थी पदाय पदाभयाम् पदेभ्यः पञ्चमी पदात् / द् पदाभयाम् पदेभ्यः षष्ठी पदस्य पदयोः पदानाम् सप्तमी पदे पदयोः पदेषु सम्बोधन पद पदे पदानि - पद् [पदँ गतौ ; दिवादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; अनिट्]
(to go, to attain)
अर्थे
अर्थ / पुं / स.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](for the sake)
अर्थ / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | अर्थः | अर्थौ | अर्थाः |
द्वितीया | अर्थम् | अर्थौ | अर्थान् |
तृतीया | अर्थेन | अर्थाभयाम् | अर्थैः |
चतुर्थी | अर्थाय | अर्थाभयाम् | अर्थेभ्यः |
पञ्चमी | अर्थात् / द् | अर्थाभयाम् | अर्थेभ्यः |
षष्ठी | अर्थस्य | अर्थयोः | अर्थानाम् |
सप्तमी | अर्थे | अर्थयोः | अर्थेषु |
सम्बोधन | अर्थ | अर्थौ | अर्थाः |
पद-विवरणम् :-
- अर्थ + घञ् (सूत्र० ३|३|१८) = अर्थ / पुं (-थः) ।
([1] meaning, purpose, significance; [2] wealth, property, substance)अर्थ / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा अर्थः अर्थौ अर्थाः द्वितीया अर्थम् अर्थौ अर्थान् तृतीया अर्थेन अर्थाभयाम् अर्थैः चतुर्थी अर्थाय अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः पञ्चमी अर्थात् / द् अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः षष्ठी अर्थस्य अर्थयोः अर्थानाम् सप्तमी अर्थे अर्थयोः अर्थेषु सम्बोधन अर्थ अर्थौ अर्थाः - अर्थ [अर्थ उपयाच्ञायाम् ; चुरादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to beg, to request)
ग्रामम्
ग्राम / पुं / द्वि.वि / ए.व [शब्द-रूपम्]({object} a village, a hamlet, an inhabited place)
ग्राम / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | ग्रामः | ग्रामौ | ग्रामाः |
द्वितीया | ग्रामम् | ग्रामौ | ग्रामान् |
तृतीया | ग्रामेण | ग्रामाभयाम् | ग्रामैः |
चतुर्थी | ग्रामाय | ग्रामाभयाम् | ग्रामेभ्यः |
पञ्चमी | ग्रामात् / द् | ग्रामाभयाम् | ग्रामेभ्यः |
षष्ठी | ग्रामस्य | ग्रामयोः | ग्रामाणाम् |
सप्तमी | ग्रामे | ग्रामयोः | ग्रामेषु |
सम्बोधन | ग्राम | ग्रामौ | ग्रामाः |
पद-विवरणम् :-
- ग्रस् + मन् (उणा० १|१४०) = ग्राम / पुं (-मः) ।
(a village, a hamlet, an inhabited place)ग्राम / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा ग्रामः ग्रामौ ग्रामाः द्वितीया ग्रामम् ग्रामौ ग्रामान् तृतीया ग्रामेण ग्रामाभयाम् ग्रामैः चतुर्थी ग्रामाय ग्रामाभयाम् ग्रामेभ्यः पञ्चमी ग्रामात् / द् ग्रामाभयाम् ग्रामेभ्यः षष्ठी ग्रामस्य ग्रामयोः ग्रामाणाम् सप्तमी ग्रामे ग्रामयोः ग्रामेषु सम्बोधन ग्राम ग्रामौ ग्रामाः - ग्रस् [ग्रसुँ अदने ; भ्वादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to eat, to devour, to swallow, to consume, to seize, to eclipse)
त्यजेत् / त्यजेद्
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् / प्र.पु / ए.व [धातु-रूपम्](may / must / should give up, abandon)
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम-पुरुषः | त्यजेत् / त्यजेद् | त्यजेताम् | त्यजेयुः |
मध्यम-पुरुषः | त्यजेः | त्यजेतम् | त्यजेत |
उत्तम-पुरुषः | त्यजेयम् | त्यजेव | त्यजेम |
धातु-विवरणम् :-
- त्यज् [त्यजँ हानौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्]
(to abandon, to leave, to quit, to let go, to renounce)
आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत्
(for the sake of oneself, one may sacrifice the earth)आत्मार्थे
आत्मार्थ / पुं / स.वि / ए.व [शब्द-रूपम्](for the sake of one's self)
आत्मार्थ / पुं | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम |
---|---|---|---|
प्रथमा | आत्मार्थः | आत्मार्थौ | आत्मार्थाः |
द्वितीया | आत्मार्थम् | आत्मार्थौ | आत्मार्थान् |
तृतीया | आत्मार्थेन | आत्मार्थाभयाम् | आत्मार्थैः |
चतुर्थी | आत्मार्थाय | आत्मार्थाभयाम् | आत्मार्थेभ्यः |
पञ्चमी | आत्मार्थात् / द् | आत्मार्थाभयाम् | आत्मार्थेभ्यः |
षष्ठी | आत्मार्थस्य | आत्मार्थयोः | आत्मार्थानाम् |
सप्तमी | आत्मार्थे | आत्मार्थयोः | आत्मार्थेषु |
सम्बोधन | आत्मार्थ | आत्मार्थौ | आत्मार्थाः |
पद-विवरणम् :-
- [चतुर्थी-तत्-पुरुष-समासः]
आत्मने इदम् इति आत्मार्थम्, तस्मिन् आत्मार्थे । आत्मार्थ / त्रि (-थः-था-थं) ।
(for the sake of one's self)आत्मार्थ / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा आत्मार्थः आत्मार्थौ आत्मार्थाः द्वितीया आत्मार्थम् आत्मार्थौ आत्मार्थान् तृतीया आत्मार्थेन आत्मार्थाभयाम् आत्मार्थैः चतुर्थी आत्मार्थाय आत्मार्थाभयाम् आत्मार्थेभ्यः पञ्चमी आत्मार्थात् / द् आत्मार्थाभयाम् आत्मार्थेभ्यः षष्ठी आत्मार्थस्य आत्मार्थयोः आत्मार्थानाम् सप्तमी आत्मार्थे आत्मार्थयोः आत्मार्थेषु सम्बोधन आत्मार्थ आत्मार्थौ आत्मार्थाः आत्मार्था / स्त्री एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा आत्मार्था आत्मार्थे आत्मार्थाः द्वितीया आत्मार्थाम् आत्मार्थे आत्मार्थाः तृतीया आत्मार्थया आत्मार्थाभ्याम् आत्मार्थाभिः चतुर्थी आत्मार्थायै आत्मार्थाभ्याम् आत्मार्थाभ्यः पञ्चमी आत्मार्थायाः आत्मार्थाभ्याम् आत्मार्थाभ्यः षष्ठी आत्मार्थायाः आत्मार्थयोः आत्मार्थानाम् सप्तमी आत्मार्थायाम् आत्मार्थयोः आत्मार्थासु सम्बोधन आत्मार्थे आत्मार्थे आत्मार्थाः आत्मार्थ / नपुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा आत्मार्थम् आत्मार्थे आत्मार्थानि द्वितीया आत्मार्थम् आत्मार्थे आत्मार्थानि तृतीया आत्मार्थेन आत्मार्थाभयाम् आत्मार्थैः चतुर्थी आत्मार्थाय आत्मार्थाभयाम् आत्मार्थेभ्यः पञ्चमी आत्मार्थात् / द् आत्मार्थाभयाम् आत्मार्थेभ्यः षष्ठी आत्मार्थस्य आत्मार्थयोः आत्मार्थानाम् सप्तमी आत्मार्थे आत्मार्थयोः आत्मार्थेषु सम्बोधन आत्मार्थ आत्मार्थे आत्मार्थानि - आङ् + अत् + मनिँन् (उणा० ४|१५२) = आत्मन् / पुं (-त्मा) ।
(self, soul)आत्मन् / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा आत्मा आत्मानौ आत्मानः द्वितीया आत्मानम् आत्मानौ आत्मनः तृतीया आत्मना आत्मभ्याम् आत्मभिः चतुर्थी आत्मने आत्मभ्याम् आत्मभ्यः पञ्चमी आत्मनः आत्मभ्याम् आत्मभ्यः षष्ठी आत्मनः आत्मनोः आत्मनाम् सप्तमी आत्मनि आत्मनोः आत्मसु सम्बोधन आत्मन् आत्मानौ आत्मानः - अत् [अतँ सातत्यगमने ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to run, to walk with speed, to move continuously) - अर्थ + घञ् (सूत्र० ३|३|१८) = अर्थ / पुं (-थः) ।
([1] meaning, purpose, significance; [2] wealth, property, substance)अर्थ / पुं एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम प्रथमा अर्थः अर्थौ अर्थाः द्वितीया अर्थम् अर्थौ अर्थान् तृतीया अर्थेन अर्थाभयाम् अर्थैः चतुर्थी अर्थाय अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः पञ्चमी अर्थात् / द् अर्थाभयाम् अर्थेभ्यः षष्ठी अर्थस्य अर्थयोः अर्थानाम् सप्तमी अर्थे अर्थयोः अर्थेषु सम्बोधन अर्थ अर्थौ अर्थाः - अर्थ [अर्थ उपयाच्ञायाम् ; चुरादिः ; आत्मनेपदी ; सकर्मकः ; सेट्]
(to beg, to request)
पृथिवीम्
पृथिवी / स्त्री / द्वि.वि / ए.व [शब्द-रूपम्]({object} earth)
पृथिवी / स्त्री | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | पृथिवी | पृथिव्यौ | पृथिव्यः |
द्वितीया | पृथिवीम् | पृथिव्यौ | पृथिवीः |
तृतीया | पृथिव्या | पृथिवीभ्याम् | पृथिवीभिः |
चतुर्थी | पृथिव्यै | पृथिवीभ्याम् | पृथिवीभ्यः |
पञ्चमी | पृथिव्याः | पृथिवीभ्याम् | पृथिवीभ्यः |
षष्ठी | पृथिव्याः | पृथिव्योः | पृथिवीनाम् |
सप्तमी | पृथिव्याम् | पृथिव्योः | पृथिवीषु |
सम्बोधन | पृथिवि | पृथिव्यौ | पृथिव्यः |
पद-विवरणम् :-
- प्रथ् + षिवन् (उणा० १|१४८) = पृथिवी / स्त्री (-वी) ।
(प्रथते विस्तारं याति इति पृथिवी ।)
(earth)पृथिवी / स्त्री एक-वचनम् द्वि-वचनम् बहु-वचनम् प्रथमा पृथिवी पृथिव्यौ पृथिव्यः द्वितीया पृथिवीम् पृथिव्यौ पृथिवीः तृतीया पृथिव्या पृथिवीभ्याम् पृथिवीभिः चतुर्थी पृथिव्यै पृथिवीभ्याम् पृथिवीभ्यः पञ्चमी पृथिव्याः पृथिवीभ्याम् पृथिवीभ्यः षष्ठी पृथिव्याः पृथिव्योः पृथिवीनाम् सप्तमी पृथिव्याम् पृथिव्योः पृथिवीषु सम्बोधन पृथिवि पृथिव्यौ पृथिव्यः - प्रथ् [प्रथँ प्रख्याने ; भ्वादिः ; आत्मनेपदी ; अकर्मकः ; सेट्]
(to become famous, to arise, to declare, to manifest, to publish, to expand the scope)
त्यजेत् / त्यजेद्
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् / प्र.पु / ए.व [धातु-रूपम्](may / must / should give up, abandon)
त्यज् + कर्तरि विधिलिँङ् | एक-वचनम् | द्वि-वचनम् | बहु-वचनम् |
---|---|---|---|
प्रथम-पुरुषः | त्यजेत् / त्यजेद् | त्यजेताम् | त्यजेयुः |
मध्यम-पुरुषः | त्यजेः | त्यजेतम् | त्यजेत |
उत्तम-पुरुषः | त्यजेयम् | त्यजेव | त्यजेम |
धातु-विवरणम् :-
- त्यज् [त्यजँ हानौ ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्]
(to abandon, to leave, to quit, to let go, to renounce)
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