परिचयः - सूक्तिः #12
योग्यत्वाद् यः समुत्कर्षो निरपायः स सर्वथा ।
पदविभागः | पदविवर्णम् | प्रतिपदार्थम् |
---|---|---|
योग्यत्वात् |
योग्यत्व / पुं / प.वि / ए.व धातुविवरणम् :- युज् [युजिँर् योगे ; रुधादिः ; उभयपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to bind, to restrain, to join, to unite, to apply, to combine) पदविवरणम् :- युज् + ण्यत् = योग्य / त्रि (-यः-या-यं) (= fit, proper, suitable) योग्य + त्व = योग्यत्व / नपुं (-त्वं) (= fitness, suitableness, propriety) |
due to propriety |
यः | यद् / पुं / प्र.वि / द्वि.व | one who |
समुत्कर्षः |
समुत्कर्ष / पुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- कृष् [कृषँ विलेखने ; भ्वादिः ; परस्मैपदी ; द्विकर्मकः ; अनिट्] (to farm, to plow, to cultivate) पदविवरणम् :- सम् + उत् + कृष् + घञ् = समुत्कर्ष / पुं (-षः) (= self-elevation, prominence, superiority) |
self-elevation |
निरपायः |
निरपाय / पुं / प्र.वि / ए.व धातुविवरणम् :- इ [इण् गतौ ; अदादिः ; परस्मैपदी ; सकर्मकः ; अनिट्] (to go) पदविवरणम् :- निर् + अप + इ + अच् = निरपाय / त्रि (-यः-या-यं) (= free from harm, evil, calamity, misfortune, destruction) |
free from harm, evil, calamity |
सः |
तद् / पुं / प्र.वि / ए.व सन्धिविवरणम् :- सः + सर्वथा = स + (ः ⇝ x) + सर्वथा (विसर्ग-लोप-सन्धिः) = स + सर्वथा |
he |
सर्वथा | सर्वथा / अव्ययम् | always, assuredly, certainly, by all means |
विषयः | विवरणम् |
---|---|
अन्वयः | यः योग्यत्वाद् समुत्कर्षः, सः सर्वथा निरपायः (अस्ति) । |
Purport | One who self-elevates due to propriety, is always free from calamity. |
Comments
Post a Comment