भगवद्गीता ॥०१.४२॥ WIP
दोषैरेतैः कुलघ्नानां वर्णसङ्करकारकैः ।
उत्साद्यन्ते जातिधर्माः कुलधर्माश्च शाश्वताः ॥
पदविभागः | विवरणम् | प्रतिपदार्थम् |
---|---|---|
Work in progress |
विवरणानि | क्रियापदानि | |
---|---|---|
Work in progress |
Comments
Post a Comment